केंद्रीय विद्युत ऊर्जा नवीकरण तथा कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राजकुमार सिंह ने आज कहा कि केंद्र सरकार बिहार में ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने तथा बिजली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 41000 करोड़ रुपये निवेश करेगी।

श्री सिंह ने नबीनगर और बारुण प्रखंड की सीमा पर देश की सबसे बड़ी ऊर्जा कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड की सुपर थर्मल पावर परियोजना की पहली इकाई राष्ट्र को समर्पित करते हुए कहा कि बिहार में बिजली जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से 74000 करोड़ रुपए निवेश करने की योजना है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इसके तहत 33000 करोड़ रुपए का निवेश किया जा चुका है जबकि निकट भविष्य में 41000 करोड़ रुपये का निवेश कर बिहार को बिजली के मामले में न केवल आत्मनिर्भर बनाया जाएगा बल्कि यह राज्य अन्य राज्यों को भी बिजली देने की स्थिति में होगा। श्री सिंह ने कहा कि 15000 करोड़ रुपये की लागत से नबीनगर विद्युत उत्पादन कंपनी (एनपीजीसी) की सुपर थर्मल पावर परियोजना की तीन इकाइयों का निर्माण कराया जा रहा है, जिसकी 660 मेगावाट क्षमता वाली पहली इकाई से आज बिजली का उत्पादन प्रारंभ हो गया। उन्होंने बताया कि इसमें से बिहार को 518 मेगावाट बिजली मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि औरंगाबाद जिले में एनपीजीसी की और से पुनर्वास तथा पुनःस्थापन कार्यक्रम के तहत बुनियादी सुविधाओं के विकास पर 62 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एनटीपीसी बारुण में एक अत्याधुनिक अस्पताल निर्माण कराने पर शीघ्र ही निर्णय लेगी।
इस अवसर पर बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, सांसद सुशील कुमार सिंह, महाबली सिंह, विधायक वीरेंद्र कुमार सिंह, ऊर्जा के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, एनटीपीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक गुरदीप सिंह तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय सिंह भी उपस्थित थे।