सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता ओवैश अंबर खूब प्रचार के साथ जन सुराज में शामिल हुए। लेकिन वहां टिक नहीं पाए। तेजस्वी यादव से मिले और राजद में शामिल हो गए। अब जैसे ही राजद ने उप चुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा की, वे राजद से भी अलग हो गए। मंगलवार को उन्होंने जन सुराज तथा राजद दोनों पार्टियों से बच कर रहने की सलाह दी है।
उन्होंने एक बयान में कहा कि बेलागंज में RJD और Jansuraaj, दोनों के राजनीतिक इतिहास को देखते हुए जनता को इन दोनों को नकारना जरूरी है।
RJD के सत्ता में आने का इतिहास दर्शाता है कि उन्होंने बार-बार अपने सहयोगियों को दरकिनार किया है। RJD का मुसलमानों के हितैषी होने का दावा झूठा साबित हो चुका है। हाल के झारखंड चुनावों में 8 सीटों पर एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट न देकर पार्टी ने यह साफ कर दिया कि वे केवल मुसलमानों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करती है।
उन्होंने कहा कि Jansuraaj Pvt. Ltd. को भी नकारना होगा। प्रशांत किशोर के नेतृत्व में Jansuraaj पार्टी ने शुरुआत में उम्मीदें जगाईं, लेकिन अब उनकी रणनीति खोखली साबित हो रही है। बेला में पार्टी के उम्मीदवार ने ऐन वक्त पर टिकट लौटा दिया, जो पार्टी के भीतर अव्यवस्था और कमजोर नेतृत्व को दर्शाता है।
Jansuraaj के अंदरूनी माहौल ने दिखा दिया है कि यह पार्टी केवल दिखावे की राजनीति करती है। अपने नेताओं को “नमूना” कहना उनकी मानसिकता को उजागर करता है।
Jansuraaj भी मुस्लिम नेतृत्व को आगे बढ़ने का अवसर नहीं देती। पार्टी के नेता केवल उन लोगों को आगे बढ़ाते हैं जो उनके नियंत्रण में रहते हैं, जाँच-परख कर जो कटपुतली बन सकते हैं उनको टिकट देती है,
पार्टी की नेतृत्वहीनता तातारी में उस समय साफ दिखी, जब उन्होंने एक ऐसे उम्मीदवार को टिकट दिया जिसका वोटर आईडी ही उस क्षेत्र का नहीं था।
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भाजपा से धोखा मिला, अपनी अलग पार्टी बनाएंगे RCP
Jansuraaj ने गांधी जयंती पर शराब बांटने की घोषणा कर अपनी प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े कर दिए, जबकि बच्चों की शिक्षा जैसी मौलिक बातों पर कोई ठोस योजना पेश नहीं की। Jansuraaj की सबसे बड़ी विफलता यह है कि उन्होंने पहली बार वोट देने वाले युवाओं के भविष्य के लिए कोई ठोस रोडमैप नहीं बनाया। उच्च शिक्षा, जो बिहार के युवाओं के लिए अहम मुद्दा है, इस पर पार्टी पूरी तरह चुप रही। प्रशांत किशोर, जो कभी राजनीति के मास्टरमाइंड माने जाते थे, अब अपनी प्रासंगिकता खोते दिख रहे हैं।
Awais Amber ने भविष्यवाणी भी की है। कहा कि सर्वेक्षण के अनुसार, Belaganj और Tarari के मौजूदा उम्मीदवार अपनी जमानत बचाने में असफल साबित हो सकते हैं। यही कारण है कि इन दोनों क्षेत्रों में उम्मीदवारों को बदला जा सकता है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, जन सुराज पार्टी ने इन चार क्षेत्रों में अपनी पकड़ खो दी है।