अखिलेश की नाक में दम करने पर तुले हैं Owaisi
असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश जिला परिषद अध्यक्ष पदों के चुनाव में एक भी मुसलमान के नहीं जीतने के पीछे समाजवादी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है.
Owaisi का यह बयान अखिलेश यादव व समाजवादी पार्टी को तिलमिला देने वाला है. क्योंकि राज्य में मसुलमानों को ज्यादातर वोट सपा को ही जाता है. ओवैसी का यह बयान मुसलमानों को नये विकल्प पर सोचने को मजबूर कर सकता है.
ओवैसी ने कहा कि राज्य में 19 प्रतिशत मुसलमान हैं.मैनपुरी, कन्नौज, बदायूँ, फ़र्रूख़ाबाद, कासगंज, औरैया, जैसे ज़िलों में जहां एक परिवार( समाजवादी पार्टी) का प्रभाव है वहां से सबसे ज्यादा मुस्लिम प्रत्याशी जीत कर आये थे लेकिन जब अध्यक्ष पद पर चुनाव की बात हुई तो एक भी मुस्लिम प्रत्याशी को समर्थन नहीं मिला.
असद ओवैसी ने ट्वीट कर कहा कि हमें ( मुसलमानों को) रणनीतिक तौर पर राजनीतिक, आर्थिक व समाजिक तौर पर दूसरे दर्जे का नागरिक बना कर छोड़ दिया गया है.
ओवैसी ने कहा कि अब तो हमें एक नई सियासी तदबीर अपनाना ही होगा। जब तक हमारी आज़ाद सियासी आवाज़ नहीं होगी तब तक हमारे मसाइल हल नहीं होने वाले हैं।
उत्तर प्रदेश के 19 प्रतिशत आबादी वाले मुसलामानों का एक भी जिला अध्यक्ष नहीं है। मंसूबा बंद तरीक़े से हमें सियासी, म'आशी और समाजी तौर पर दूसरे दर्जे का शहरी बना दिया गया है।1/n
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 4, 2021
ओवैसी ने इशारा दिया है कि यूपी में मुसलमानों की सियासी व समाजी बदहाली की असल वजह समाजवादी पार्टी है. उन्होंने कहा कि अब हमें अपनी सियासी आवाज बननी होगी.
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उधर ओवैसी ने भाजपा पर भी निशाना साध और कहा कि भाजपा से डरना नहीं है, बल्कि जम्हूरी तरीके से लड़ना है।
गौरतलब है कि 2022 में यूपी में विधान सभा चुनाव होने वाले हैं और ओवैसी की एआईएमआईएम ने घोषणा की है कि वह 100 सीटों पर चुनाव लड़गी.
पिछले दिनों ओवैसी ने कहा था कि उनकी पार्टी ओम प्रकाश राजभर की पारिटी के साथ गठबंधन कर के चुनाव लडेगी.
गौरतलब है कि बिहार के 2020 के विधान सभा चुनाव में 5 सीटों पर जीत हासिल करके उत्साहित एआईएमआईएम उत्तर प्रदेश में मजबूती के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी में है. यूपी में 19 प्रतिशत मुसलमान हैं जबकि बिहार में 17 प्रतिशत मुसलमान हैं.
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