पहली बार राहुल ने जाति गणना, आरक्षण पर मोदी सरकार को घेरा
राहुल गांधी कर्नाटक में हैं। पहली बार उन्होंने जातीय जनगणना का आंकड़ा जारी करने, आरक्षण में 50 फीसदी की सीमा समाप्त करने की मांग उठाई। और क्या कहा-
कुमार अनिल
राहुल गांधी ने कर्नाटक में नया मुद्दा उठा दिया है, जो न सिर्फ कर्नाटक चुनाव के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि 2024 लोकसभा चुनाव का प्रमुख मुद्दा बन सकता है। रविवार को कोलार में तथा आज सोमवार को बीदर में उन्होंने पहली बार जाति जनगणना, आरक्षण में 50 प्रतिशत की सीमा और केंद्र सरकार में सचिव स्तर के अधिकारियों में पिछड़ी जाति के अधिकारियों के कम होने का मुद्दा उठाया।
.@narendramodi जी,
— Congress (@INCIndia) April 17, 2023
आप सच में OBC को ताकत देना चाहते हो तो जनगणना में जो जातियों का डेटा है उसे जारी करिए।
यह पता चले कि देश में कितने OBC, दलित और आदिवासी हैं। अगर आप यह काम नहीं करोगे तो कांग्रेस पार्टी यह काम करके दिखाएगी।
क्योंकि हम झूठे वादे नहीं करते।
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2019 में कोलार में ही राहुल गांधी ने देश का पैसा लेकर भागे नीरव मोदी आदि का नाम लेकर पूछा था कि उन सबके नाम में मोदी क्यों है। इसी मामले में उनकी लोकसभा सदस्यता चली गई और भाजपा ने उन पर ओबीसी की अपमान करने का आरोप लगयाया। उसी कोलार में रोहुल गांधी ने कहा कि भाजपा कहती है कि वे पिछड़ा विरोधी हैं। उन्होंने मोदी सरकार सीधी चुनौती दी और कहा कि 2011 में यूपीए सरकार ने जातीय जनगणना कराई थी, अगर केंद्र सरकार में हिम्मत है, तो जातीय जनगणना का आंकड़ा जारी करे। वे यहीं तक नहीं रुके, बल्कि उन्होंने आरक्षण में 30 प्रतिश का कैप हटाने की मांग की। फिर सीधे प्रधानमंत्री मोदी पर सवाल उठाया कि उनके यहां कितने ओबीसी, दलित और आदिवासी सचिव स्तर के अधिकारी हैं।
राहुल गांधी के कोलार जाने पर भाजपा उत्साहित थी। उसे लग रहा था कि राहुल गांधी जरूर कुछ ऐसा बोलेंगे, जिससे उसे फायदा होगा। लेकिन राहुल ने आरक्षण का सवाल उठाकर खेल पलट दिया। जो भाजपा उन पर पिछड़ा विरोधी होने का आरोप लगा रही थी, अब उसी भाजपा से उन्होंने जाति का आंकड़ा सार्वजनिक करने की मांग कर दी है।
आज डेटा सबसे ज़रूरी चीज है, लेकिन मोदी सरकार डेटा जारी करने में हिचकिचाती है।
— Congress (@INCIndia) April 17, 2023
जब आप महिला-पुरुष, पशु-पक्षी और पेड़ गिनते हैं तो जातियां क्यों नहीं गिनते। इसलिए जातीय जनगणना का काम शुरू हो।
जब आपके पास संख्या ही नहीं होगी तो कैसे नीति निर्माण होगा।
: @kanhaiyakumar जी pic.twitter.com/V85DDSpcVI
राहुल गांधी पहले से अडानी का मुद्दा उठा रहे हैं, जिस पर अब तक प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं कहा है। अब पिछड़ों, दलितों की संख्या, आरक्षण जैसे सवाल उठा कर उन्होंने भाजपा के लिए मुश्किल पैदा कर दी है। अब तक भाजपा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन राहुल गांधी के बोलने के बाद सोमवार को कई कांग्रेस नेताओं ने वही मांग दुहराई है। बिहार में नीतीश कुमार जातीय गणना करा रहे हैं। तो क्या 2024 लोकसभा चुनाव में जाति गणना, आरक्षण की अधिकतम सीमा को बढ़ाने का मुद्दा केंद्रीय मुद्दा बनने वाला है?
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