भारत के सभी वाम दलों ने देश के विभिन्न प्रांतों में फिलिस्तीन सॉलिडरिटी मार्च निकाला, सभाएं कीं। इस अवसर पर वाम नेताओं ने कहा कि फिलिस्तीन पर हमले के खिलाफ खड़ा होना, वहां शांति तथा उनके लिए न्याय की मांग करना लोकतंत्र को मजबूत करना भी है। नेताओं ने इजरायली हमले की कठोर शब्दों में निंदा की। वैसे आज दुनिया भर में फिलिस्तीन के समर्थन में बड़े-बड़े प्रदर्शन किए गए। यूरोप के देशों में लाखों लोग फिलिस्तीन के समर्थन में तथा इजरायली हमले का विरोध करने सड़कों पर उतरे।

नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर सीपीआई, सीपीएम, माले, आरएसपी, फारवर्ड ब्लॉक तथा अन्य वाम संगठनों के नेताओं ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में सीपीएम के राष्ट्रीय समन्वयक प्रकाश करात, माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य सहित अन्य नेता शामिल थे। पटना में भी वाम दलों ने प्रदर्शन के करके इजरायल के खिलाफ नारे लगाए।

वाम नेताओं ने कहा कि अमेरिका दुनिया को युद्ध में झोंक देना चाहता है। वह खुलेआम इजरायल की मदद कर रहा है। माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि गाज़ा पर चल रहे इजराइली हमले का एक साल पूरा हो गया है। विश्व के अधिकांश देशों के विरोध के बावजूद निहत्थी जनता के विरुद्ध एकतरफा युद्ध जारी है जिसमें अमेरिकी साम्राज्यवादी धुरी के देश लगातार हथियार और गोलाबारूद सप्लाई कर रहे हैं, और भारत समेत कई देश इसमें इजराइल के पक्ष में खड़े हैं। आखिर क्यों? आजादी के बाद से भारत ने हमेशा एक स्वतंत्र, प्रगतिशील एवम गुटनिरपेक्ष विदेश नीति जिसमें विश्व शांति, युद्ध विरोध व सभी राष्ट्रों की संप्रभुता की रक्षा व आजादी प्रमुख तत्व हैं, को अपनाया है। आज क्यों मोदी सरकार आततायी, हमलावर युद्ध अपराधी इजराइल के साथ खड़ी है? हमें युद्धोन्माद और निर्दोष लोगों के जनसंहार का साथ हरगिज नहीं देना चाहिए। फिलिस्तीन में गाज़ा एक साल से चल रहे हमलों में पूरी तरह तबाह हो चुका है और आज भी वहां हमले, बमबारी एवम इजराइली सेना का दमन चल रहा है। करीब बाईस लाख आबादी वाले गाज़ा में 40,000 नागरिक, ज्यादातर बच्चे और महिलाएं, मारे जा चुके हैं। लेकिन गैरसरकारी सूत्रों के अनुसार वहां कम से कम 125000 मौतें हुई होंगी। वहां के लोग बेघर हो चुके हैं, खाने के लिए कुछ नहीं है, इलाज के लिए दवाइयां नहीं है, यहां तक कि पीने का पानी तक नहीं मिल पा रहा।

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माले महासचिव दीपंकर की बदलो बिहार न्याय यात्रा 16 से

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कई देश और अंतर्राष्ट्रीय संगठन वहां राहत सामग्री भेज रहे हैं, इजराइल की सेना उसे पीड़ित फिलिस्तीनी नागरिकों तक नहीं जाने दे रही।

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By Editor


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