पंचायत चुनाव टला तो झारखंड की तरह पूर्व मुखिया को मिलेगाअधिकारपंचायत चुनाव टला तो झारखंड की तरह पूर्व मुखिया को मिलेगाअधिकार

पंचायत चुनाव लड़ना चाहते हैं, तो जान लीजिए नए नियम

बिहार मेें पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है। अगर आप त्रिस्तरीय पंचायत में हिस्सा लेना चाहते हैं, तो आप इन नियमों को जरूर जान लें।

बिहार में पंचायत चुनाव-2021 की तैयारी शुरू हो चुकी है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2 लाख 98 हजार 898 पदों के लिए होगा। इसमें मुखिया और सरपंच के 8387 पद हैं। वार्ड सदस्य और पंच के 1,14,667 पद हैं। पंचायत समिति के 11, 491 तथा जिला परिषद सदस्य के 1161 पद हैं।

राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश के अनुसार हर पद के प्रत्याशी के नामांकन शुल्क का निर्धारण कर दिया गया है। ग्राम पंचायत सदस्य और पंच पदों के लिए शुल्क 250 रुपए है, जबकि इन पदों के लिए एससी, एसटी और ईबीसी प्रत्याशियों के लिए शुल्क 125 रुपए है।

मुखिया, सरपंच और पंचायत समिति सदस्य के लिए शुल्क एक हजार रुपए है। इन्हीं पदों के लिए एससी, एसटी, ईबीसी प्रत्याशी रहने पर शुल्क 500 रुपए होगा।

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जिला परिषद सदस्य के लिए नामांकन शुल्क दो हजार रुपए है। इन पदों के लिए एससी, एसटी, ईबीसी प्रत्याशी के लिए शुल्क एक हजार रुपए है। ये शुल्क वापस नहीं किए जाएंगे।

इलेक्शन वाच के बिहार प्रभारी राजीव कुमार ने बताया कि पहली बार पंचायत चुनाव ईवीएम से होगा। इससे बूथ कब्जा को रोका जा सकेगा। उन्होंने बताया कि पहली बार सारे प्रत्याशियों के हलफनामे को वेबसाइट पर लोड किया जाएगा। इसलिए गलत जानकारी देने पर बाद में कार्रवाई हो सकती है। इलेक्शन वाच देश में लोकसभा, विधानसभा चुनाव सहित पंचायत चुनावों पर भी नजर रखता है। राजीव कुमार ने बताया कि पंचायत चुनाव के लिए 15 हजार ईवीएम की खरीद हो चुकी है।

राजीव कुमार ने यह भी कहा कि इस बार पंचायत चुनाव निर्वाचन आयोग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है, क्योंकि यह कोविड काल है। विधानसभा चुनाव से कई गुना ज्यादा प्रत्याशी पंचायत चुनाव में हिस्सा लेते हैं। एक अनुमान के अनुसार कम से कम 15 लाख प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरेंगे।

By Editor


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