Paras Global के डॉक्टरों की तत्परता से किडनी रोगी की बची जान

पारस ग्लोबल अस्पताल के डॉक्टरों की तत्परता, बुद्धिमत्ता और टीम वर्क से गंभीर किडनी रोगी की जान बच गई। उसके हृदय से ढ़ाई लीटर खून मिला पानी निकाला गया।

पारस ग्लोबल अस्पताल के डॉक्टरों ने किडनी फेल हो चुके मरीज की जान बचा ली। मरीज के हृदय से डॉक्टरों ने ढ़ाई लीटर खून मिला पानी निकाला तब जाकर स्थिति बेहतर हुई और मरीज होश में आया। अब मरीज का डायलिसिस किया जाएगा। हृदय में पानी भरने के कारणों का भी इलाज चलेगा।

जानकारी के मुताबिक मरीज जयप्रकाश शर्मा का किडनी फेल थी। वो किडनी के गंभीर रोग से ग्रसित हैं। दो जुलाई को अचानक मरीज की तबीयत अस्वस्थ हुई। परिजनों ने उन्हें एक अन्य डायलिसिस सेंटर में ले गए, किंतु मरीज की गंभीर हालत को देखकर डायलिसिस सेंटर वाले ने डायलिसिस करने से इनकार कर दिया गया। ऐसी स्थिति में उक्त मरीज पारस ग्लोबल अस्पताल( दरभंगा) लाया गया।

यहां पहुंचने पर चिकित्सकों द्वारा गहन जांच की गई। मरीज के गंभीर हालत के बारे में डॉ. बि.के. सिंह को जानकारी दी गई। उन्होंने मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी। मरीज की हालत बहुत गंभीर थी। वह बेहोश था। सांस की गति बहुत तेज थी। रक्तचाप एवं पल्स नहीं मिल रहा था। ऐसे में मरीज को आईसीयू में भर्ती किया गया। मरीज का एचआरसीटी कराया गया जिसमें बहुत सीरियस डिग्री का पेरिकार्डियल एफ्यूजन पाया गया।

पेरिकार्डियल एफ्यूजन के कारण ही हृदय पर दबाव पड़ रहा था और जिसे कार्डियक टेंपोनेड बोलते हैं। डॉ. बि.के. सिंह ने तुरंत डॉ. जेपी कर्ण (कार्डियोलॉजिस्ट) से संपर्क किया। उन्होंने पेरिकार्डियल एफ्यूजन के लिए इकोकार्डियोग्राम करते हुए ही हृदय के अंदर भरे हुए पानी को निकालने की सलाह दी। पारस ग्लोबल अस्पताल के आईसीयू में डॉ. विनय कुमार चैधरी (एनेस्थेटिक) के नेतृत्व में मरीज के हृदय से पानी निकाला गया। लगभग 2.5 लीटर खून युक्त पानी निकाला गया। पानी निकालने के कुछ देर बार मरीज होश में आया और रक्तचाप भी ठीक हुआ। सांस की गति स्थिर हो गई। अब उक्त मरीज को आगे डायलिसिस की आवश्यकता है तथा पुनः ह्रदय से पानी निकालने की भी जरूरत है।

Advantage Care ऐप से जुड़ें और डॉ. ए.ए. हई से सीधे लें मशविरा

इस संबंध में डॉ बि.के. सिंह ने कहा की अगर मरीज को सांस की दिक्कत है तो इसका सिर्फ एक ही कारण नहीं हो सकता है। सांस की दिक्कत का मुख्य कारण पता करने के लिए सही तरीके से जांच करना सबसे ज्यादा जरूरी होता है।

उन्होंने कहा कि पारस ग्लोबल अस्पताल एक मल्टी सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल है। पारस ग्लोबल अस्पताल के डाॅक्टरों की सुझ-बुझ की वजह से एक गंभीर किडनी रोगी की जान बचाई गई। यहां आधुनिकतम मशीनें एवं उपकरण मैजूद है जिसके कारण गंभीर से गंभीर बिमारियों का इलाज भी यहां आसानी से एवं सफलतापूर्वक किया जाता है।

पारस हाॅस्पिटल में हथेली से कटी पांचों अंगुलियां जोड़ी गयीं

By Editor