पतंजलि के विज्ञापन पर SC ने लगाई रोक, केंद्र सरकार को भी घेरा
पतंजलि के विज्ञापन पर SC ने लगाई रोक, केंद्र सरकार को भी घेरा। कहा, इसके भ्रामक दावों के जरिये देश को गुमराह किया। यह भी कहा केंद्र सरकार आंख मूंदे हुए है।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पतंजलि के विज्ञापन पर पूर्ण रोक लगा दी। कहा कि पतंजलि ने भ्रामक दावा करके देश को गुमराह किया है। बार एंड बेंच की खबर के मुताबिक गमुराह करने वाले विज्ञापनों पर कड़ा रुख अपनाते हुए कोर्ट ने पतंजलि के सारे विज्ञापनों पर अस्थाई रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने “देश को धोखे में रखने” के लिए पतंजलि दवा के विज्ञापनों पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला आईएमए की याचिका पर सुनवाई करते हुए दी, जिसमें पतंजलि पर वैज्ञानिक और साक्ष्य आधारित दवाओं को बदनाम करने का गंभीर आरोप लगाया गया है।
कोर्ट ने पतंजलि की दवाओं के विज्ञापन पर रोक लगाई है। उसके अन्य उत्पादों की प्रचार कंपनी कर सकती है। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि हम (रामदेव और आचार्य बालकृष्णन को) कारण बताओ नोटिस जारी करते हैं कि क्यों न उनके खिलाफ अदालत अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए। वकील उनकी ओर से नोटिस स्वीकार करे। 2 सप्ताह के भीतर जवाब दें। प्रतिवादियो को अगले आदेश तक नियम अनुसार बीमारियो के इलाज के लिए निर्दिष्ट उनके विपणन औषधीय उत्पादो के विज्ञापन से रोका जाता है। उन्हें प्रिंट या अन्य मीडिया में किसी भी रूप मे किसी भी चिकित्सा प्रणाली के प्रतिकूल कोई भी बयान देने से सावधान किया जाता है। मालूम हो कि पिछले साल पतंजलि ने कोर्ट को आश्वासन दिया था कि वह आगे से ऐसे विज्ञापन नहीं देगा, इसके बावजूद उसने भ्रामक दावों के साथ दवाओं का विज्ञापन दिया। सुनवाई के दौरान जस्टिस हेमा कोहली तथा जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि आपमें (पतंजलि) कोर्ट के आदेश के बाद भी यह विज्ञापन लाने का साहस रहा।
कोर्ट ने केंद्र सरकार पर भी कठोर टिप्पणी की है। कहा कि आपमें हमारे आदेश के बाद भी ये विज्ञापन लगाने की हिम्मत है और अब आप अदालत को गुमराह कर रहे हैं! माननीय न्यायाधीश ने कहा कि पूरे देश को धोखा दिया जा रहा है और सरकार अपनी आँखें बंद करके बैठी है।