राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आगामी 08 से 18 नवंबर तक पटना पुस्तक मेले का आयोजन किया गया है। मेले के संयोजक अमित झा ने बताया कि सेंटर फॉर रीडरशिप डेवलपमेंट (सीआरडी) द्वारा आयोजित होने वाले इस पुस्तक मेले के हिंदी समेत विभिन्न भाषाओं के करीब 110 प्रकाशक भाग ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि करीब ढ़ाई साल के अंतराल के बाद पुस्तक मेले का आयोजन एक बार फिर गांधी मैदान में किया जा रहा है। इससे पहले पुस्तक मेले का आयोजन ज्ञान भवन में किया गया था लेकिन प्रकाशकों एवं पुस्तक प्रेमियों से मिली प्रतिक्रिया एवं सुझाव के मद्देनजर इसे फिर गांधी मैदान में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।
श्री झा ने बताया कि पुस्तक मेले के इस वर्ष की थीम ‘पेड़ ,पानी और जिंदगी है। इस बार का पुस्तक मेला विशेष रूप से पर्यावरण के प्रति प्रेम और जागरूकता पर केंद्रित है। इस दौरान विशेष रूप से पर्यावरण को लेकर जागरूकता के लिए कार्यक्रम आयोजित होंगे। इस दिशा में मेला परिसर में स्थित सभागारों, मंचों और प्रखंडों के नाम वृक्षों के नाम पर रखे गए हैं। जैसे ‘पीपल प्रशासनिक भवन’, ‘तुलसी मुक्ताकाश मंच’, ‘आम सभागार’ और ‘बरगद रंगभूमि’ इत्यादि। इसी प्रकार मेला परिसर में छह प्रखंड होंगे जिनके नाम क्रमश: नीम, सेमल, पलाश, गुलमोहर, कदम्ब और अशोक वृक्षों के नाम पर होंगे।
झा ने बताया कि पटना पुस्तक मेला में पर्यावरण पर आधारित कार्यक्रम तो होंगे ही इसके अलावा कई सांस्कृतिक और साहित्यिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इसके अंतर्गत बच्चों, महिलाओं, संस्कृति कर्मियों और साहित्यकारों के लिए विविध कार्यक्रम होंगे। विशेषकर बच्चों के लिए आयोजित कार्यक्रम कैंपस के तहत पोस्टर डिजाइनिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।
इस बार भी पुस्तक मेले में देश-दुनिया की चर्चित किताबों से पाठक रू-ब-रू होंगे। 11 दिनों के इस आयोजन में साहित्य की धारा प्रवाहित होगी। साथ ही गोष्ठी, परिचर्चा, नुक्कड़ नाटक, क्विज, अंतरविद्यालयी प्रतियोगिताएं होंगी। आयोजन में विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित अपने अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ भाग लेंगे जिनकी बुद्धिजीविता का लाभ सुधी पाठकों को मिलेगा।