शराबबंदी को हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी से नीतीश कुमार बैकफुट पर हैं और कानून में बड़े बदलाव की चर्चा है। इस बीच कल सीवान में एक बार फिर जहरीली शराब पीने से मौत हुई है। यहां कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है। पटना हाई कोर्ट ने न सिर्फ शराबबंदी कानून को पूरी तरह फेल बताया, बल्कि इसे अफसरों, तस्करों तथा पुलिस की काली कमाई का जरिया भी बताया। कहा कि इसमें गरीब पीसे जा रहे हैं और रसूखदार लोग, पुलिस तथा अफसर मालामाल हो रहे हैं। हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बैकफुट पर हैं। सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। इधर राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि शराबबंदी कानून में बड़े बदलाव हो सकते हैं। वहीं जदयू ने हाईकोर्ट की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देने के बदले राजद पर भड़ास निकाला है।
मालूम हो कि हाईकोर्ट ने शराबबंदी कानून पर कहा कि यह अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाया। पूरी तरह फेल हो गया है। शराबबंदी कानून पर हाईकोर्ट ने इतनी सख्त टिप्पणी पहली बार की है। कोर्ट ने यह टिप्पणी एसआई मुकेश पासवान के मामले की सुनवाई करते हुए की। एसआई का यह कह कर डिमोशन कर दिया गया कि उनके क्षेत्र में शराब पाई गई। एसआई ने विभागीय जांच में कहा कि उन्हें कैसे पता चलेगा कि किस घर में शराब है और किस घर में नहीं है। उनकी सफाई के बावजूद विभाग ने उन्हें डिमोट कर दिया। हाईकोर्ट ने एसआई के खिलाफ विभागीय जांच और कार्रवाई को भी रद्द कर दिया।
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इस बीच जदयू परेशान है। हाईकोर्ट की टिप्पणी पर विचार करने के बजाय पार्टी ने राजद पर भड़ास निकाला। कहा कि राजद वाले हमें शराबबंदी कानून पर ज्ञान न दें। पार्टी प्रवक्ता निहोरा प्रसाद यादव ने कहा कि राजद ने शराब कंपनियों से चंदा लिया है, इसलिए वह ज्ञान न दे।