पटना शहर एवं उसके आसपास के इलाकों में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई को लेकर पटना उच्च न्यायालय ने नाराजगी जताते हुये प्रधान मुख्य वन संरक्षक को अगले शुक्रवार तक शहर में पेड़ों की गिनती शुरू करने और चिन्हित पेड़ों की संख्या के संबंध में जानकारी देने की तिथि बताने का आज आदेश दिया ।
न्यायमूर्ति ज्योति शरण एवं न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने गौरव कुमार सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया है। न्यायालय ने सख्त लहजे में यह हिदायत दी कि शहर को हरा भरा रखने के लिए यदि सरकार ने पेड़ों के संरक्षण या वृक्षारोपण के मामले में ध्यान नहीं दिया तो ऐसा न हो कि भविष्य में किसी भी पेड़ को काटने से पहले अदालत की अनुमति लेनी पड़े।
इसके अलावा खंडपीठ ने कहर ढाती गर्मी, बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग के बीच पटना को हरित शहर बनाने पर जोर देते हुए पटना नगर निगम से भी इस बाबत एक विस्तृत कार्ययोजना के लिए हलफनामा दायर करने का आदेश दिया। अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि 28 जून 2019 निर्धारित की है।
खंडपीठ ने पटना में सड़क किनारे और अन्य सार्वजनिक क्षेत्रों में पेड़ों की संख्या का विस्तृत लेखा जोखा वन विभाग के पास नहीं रहने पर पिछले आदेश में पूरे शहर के पेड़ों की गिनती करने का आदेश दिया था। साथ ही यह भी कहा था कि शहर में कोई भी पेड़ तब तक नहीं काटा जाए जब तक इसके अनुपात में पौधरोपण न हो। इसके लिए यह अनिवार्य हो जाता है कि शहर के तमाम पेड़ों को चिन्हित कर उनकी संख्या निर्धारित की जाए।