घोटालों के खुलते पिटारों के क्रम में बिहार में एक और घोटाला उजागर हुआ है. यह पीएमसीएच में एसी मेनटेनेंस घोटाला 2 करोड़ का है जो 2012-13 व 14 के दौरान का है.
इस घोटाले को खुद स्वास्थ्य विभाग की दो सदस्यीय जांच कमेटी ने की है. स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक डॉ अंजनि कुमार व पटना प्रमंडल के क्षेत्रीय अपर निदेशक डॉ के के मिश्रा ने अपनी जांच में पाया है कि पीएमसीएच यानी पटना मेडिकल कालेज हॉस्पिटल में लगे 185 एयर कंडिशनर के मेनटेनेंस में बड़ी बे रहमी से घोटाले हुए. उस समय अस्पताल के अधीक्षक डॉ ओपी चौधरी थे.
एक तो इन एयरकंडिशनरों के मेनटेनेंस में बिना टेंडर खोले, अपने खास फर्म को मेनटेनेंस की जिम्मादी सौंप दी गयी, दूसरा मेनटेनेंस के नाम पर एक एसी का खर्च 28 हजार रुपये भुगतान किया गया, जो कि दर असल एक नये एसी की कीमत के बराबर है. हालांकि मेनटेनेंस के लिए अधिकतम 10 हजार रुपये देने थे. यानी एक एसी पर 14 हजार रुपये का घोटाला. जबकि अगर यही मेनटेनेंस सरकार के विद्युत विभाग से एक एसी का मेनटेनेंस कराया गया होता तो एक एसी पर महज चार हजार रुपये का खर्च आता.
स्वास्थ्य विभाग ने पहली नजर में इसमें घोटाला तो खोज लिया है. लेकिन वह अब यह तय करने में जुटा है कि इसकी जांच निगरानी अन्वेशण ब्युरो से कराया जाये या आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा.
उधर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने स्वीकार किया है कि जांच रिपोर्ट विभाग को प्राप्त हो गयी है.