भोजपुरी गायक और अभिनेता पवन सिंह को भाजपा ने पार्टी से निकाल दिया है। वे काराकाट में एनडीए प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ निर्दलीय मैदान में ताल ठोक रहे हैं। पहले एक ही नुकसान हो रहा था, भाजपा के इस कदम से खुद उसे अब डबल नुकसान हो रहा है। पहले सिर्फ कुशवाहा की हार होती दिख रही थी और भाजपा से कुशवाहा समाज ही नाराज था। अब पवन सिंह को पार्टी से निकालने के बाद राजपूत समुदाय भाजपा के खिलाफ हो गया है। सोशल मीडिया में ऐसे पोस्ट की भरमार है, जिसमें भाजपा को राजपूत विरोधी पार्टी कहा जा रहा है।

पवन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा को जितना नुकसान पहुंचाना था, उतना पहुंचा दिया है। 25 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काराकाट जानेवाले हैं, उनके जाने के बाद भी स्थितियां बदलेंगी, ऐसा नहीं लगता। यहां के सवर्ण मतदाताओं खासकर युवाओं ने पवन सिंह के लिए मन बना लिया है, अब प्रधानमंत्री के जाने के बाद उनके पवन सिंह का साथ छोड़कर उपेंद्र कुशवाहा के लिए काम करने की संभावना कम ही बताई जा रही है।

भाजपा को एक और भी नुकसान हो चुका है। पूरे प्रदेश के कुशवाहा में यह मैसेज चला गया है कि भाजपा ने ही पवन सिंह को खड़ा किया है, ताकि कुशवाहा चुनाव हार जाएं। ऐसे संदेश से भाजपा को राज्यभर में नुकसान हुआ है। भाजपा ने प्रदेश में एक भी कुशवाहा को प्रत्याशी नहीं बनाया है, इससे पहले ही नाराजगी थी, अब उपेंद्र के साथ जो हुआ, उसने नाराजगी में इजाफा ही किया है।

————————-

सारण गोलीकांड : आतंकवादी की भाषा बोल रहे रूड़ी-गोलियां चली हैं, गोलियां चलेंगी

————————

काराकाट में कुशवाहा समाज के पास दूसरा विकल्प है। वहां इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी भी कुशवाहा है। वे उनकी तफ जा सकते हैं। इसीलिए माना जा रहा है कि राजाराम सिंह की स्थिति मजबूत हुई है और मुख्य मुकाबला इंडिया गठबंधन और निर्दलीय पवन सिंह के बीच होगा। पवन सिंह के इस प्रकार अड़ जाने को प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता कम होने के रूप में भी देखा जा रहा है।

पांच चरण के चुनाव में फेल हो गए नफरत के सौदागर : अशफाक़ रहमान

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5420