Pegasus : फंस गई मोदी सरकार, सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
Pegasus जासूसी मामले की सनुवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। अगले हफ्ते सुनावाई होगी। उधर, पहली बार फ्रांस की सरकारी एजेंसी ने माना जासूसी हुई है।
Pegasus मामले पर संसद में बहस से कतरा रही मोदी सरकार बुरी तरह फंसती नजर आ रही है। पहली बार फ्रांस की सरकारी एजेंसी ने माना कि Pegasus Spyware के जरिये नेताओं, अधिकारियों, पत्रकारों सहित अन्य लोगों के फोन हैक किए गए। इससे मोदी सरकार का वह तर्क धवस्त हो गया, जिसमें सरकार कहती रही है कि एमनेस्टी के दावे पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
इसके साथ ही आज मोदी सरकार को एक और बड़ा झटका लगा। आज सुप्रीम कोर्ट ने द हिंदू अखबार से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार एन. राम तथा शशि कुमार की उस याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें पेगासस जासूसी मामले की सुप्रीम कोर्ट के पूर्व या वर्तमान न्यायाधीश से जांच कराने की अपील की गई है।
आज सुबह सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रम्न्ना के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पेगासस जासूसी को देश के लिए गंभीर सवाल बताया। उन्होंने कहा कि पेगासस जासूसी का मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा है, विरोधी दलों के नेताओं के फोन हैक किए गए, पत्रकारों यहां तक कि जजों के फोन में घुसकर जासूसी की गई है। सिब्बल ने कहा कि यह मामला अति आवश्यक है। यह न सिर्फ भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार, निजता की रक्षा, राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा पर हमला है। पूरी बात सुनने के बाद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि हम इस पर अगले सप्ताह सुनवाई करेंगे।
जाहिर है सुप्रीम कोर्ट मोदी सरकार को भी पक्ष रखने को कहेगा। सोशल मीडिया में विदोश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा था कि पेगासस जासूसी की बात मनगढ़ंत है। उन्होंने सरासर झूठ बोलते हुए एमनेस्टी का भी हवाला दे दिया था। बाद में एमनेस्टी ने खुद कहा कि वह पेगासस प्रोजेक्ट के जारी नंबरों और दावों के साथ खड़ा है।
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उधर, फ्रांस की सरकारी साइबर सिक्यूरिटी एजेंसी ने अपनी जांच में पाया कि पत्रकारों के फोन हैक किए गए। यहां यह याद रखना जरूरी है कि पेगासस पहले की तरह का कोई फोन टेपिंग मामला नहीं है। फोन टेपिंग में जब आप फोन से बात करते हैं, तब वह टेप होता है, जबकि पेगासस स्पाईवेयर आपका फोन बंद रहने पर भी आपके कैमरे को ऑन कर सकता है। आपकी बात सुन सकता है। आप कहां और किससे मिले यह जान सकता है। पेगासस आपके फोन में पहले से दर्ज जानकारी के साथ छेड़छाड़ बी कर सकता है।
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