तेजस्वी देंगे दस लाख नौकरी – जुमला नहीं विश्वास
शाहबाज़ की विशेष रिपोर्ट
महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार एवं राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की चुनावी सभाओं में जनसैलाब उमड़ रहा है. करोड़ों बिहारियों की आकांक्षाएं अब उनसे जुड़ गयी हैं. बिहार में सत्तारूढ़ दल के सवालों के बावजूद तेजस्वी के दस लाख नौकरी के वादे को जनता जुमला नहीं मान रही है.
तेजस्वी यादव द्वारा मुख्यमंत्री बनते ही दस लाख युवा बेरोज़गारों को सरकारी एवं स्थायी नौकरी देने के वादे ने बिहार चुनाव का गेम बदलकर रख दिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसपर सवाल उठाते हुए पूछा कि दस लाख नौकरी देने के लिए वादे पर तंज़ कसते हुए पूछा कि ऐसा करने के लिए पैसे कहाँ से आएंगे ? लेकिन तेजस्वी की चुनावी सभाओं में उमड़ते जनसैलाब में खास बात यह है कि लोग इसे जुमलेबाज़ी नहीं मान रहे. बिहार में एनडीए गठबंधन फिलहाल इसका तोड़ ढूंढने में नाकाम रही है बल्कि यहाँ तक कहा जा सकता है कि इस वादे ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित एनडीए की चुनावी रणनीति को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है.
आज तेजस्वी यादव ने गया ज़िले के गुरुआ विधान सभा क्षेत्र में महागठबंधन के युवा उम्मीदवार विनय कुमार के पक्ष में चुनाव प्रचार किया। सभा में हज़ारों लोगों से तेजस्वी कहते हैं मुख्यमंत्री बनते ही दस लाख सरकारी एवं स्थायी नौकरी देंगे। इसके बाद वह सभा में आये हज़ारों लोगों से पूछते हैं कितनी नौकरी देंगे ? लोगों की आवाज़ गूंजती है – दस लाख. वह फिर पूछते हैं फिर से हज़ारों लोगों की गूंजती है – दस लाख. 2014 के दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों में भी कुछ ऐसे वाकिये देखने को मिलते थे.
बिहार चुनाव के लिए एनडीए ने जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत स्टार प्रचारकों की पूरी फ़ौज उतारने की योजना बना रखी है वहीं तेजस्वी महागठबंधन के एकलौते स्टार प्रचारक हैं. तेजस्वी ने आज गुरुआ की सभा के बाद ट्वीट कर कहा कि “महागठबंधन की सभाओं में उमड़ रहा जनसैलाब लोगों के लिए भीड़ हो सकती है लेकिन मेरे लिए यह करोड़ों बिहारवासियों की आकांक्षाएँ, सपने और उम्मीदें है जिन्हें पूरा करना है। गुरुआ विधानसभा क्षेत्र से महागठबंधन के युवा राजद प्रत्याशी श्री विनय कुमार के पक्ष में जुटा जनसमर्थन”.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी आज गया ज़िले के टिकारी में सभा को सम्बोधित किया। उन्होंने अपने 15 सालों के कार्यकाल में बिहार में आये सामाजिक और आर्थिक बदलाव का ज़िक्र करते हुए कहा कि हमने महिलाओं के 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। महिला प्रतिनिधियों की संख्या कितनी बढ़ी है. इससे पहले उन्हें कौन पूछता था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुनावी सभाओं में प्रमुख रूप से उनके द्वारा किये गए कार्यों का उल्लेख होता है फिर वह कहते हैं कि मौका दीजियेगा तो और भी काम करेंगे।
अब देखने वाली बात यह है कि बिहार की जनता का नेतृत्व में अपना भविष्य देख रही है. नीतीश कुमार के कार्यों में या फिर तेजस्वी के वादों में. लेकिन कम से कम इतना तो कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपने ही कार्यों को जनता के सामने साबित करने की नौबत आ गयी. इसे चुनाव से पहले तेजस्वी की सबसे बड़ी कामयाबी कहा जा सकता है.
बिहार चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। इस बात की सम्भावना जताई जा रही है कि बिहार की जनता नए नेतृत्व के लिए अग्रसर है और महागठबंधन को भारी बहुमत दे सकती है. इससे भी चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले तीन महीनों के दौरान ही एनडीए गठबंधन जो पहले मज़बूत स्थिति में माना जा रहा था अब बुरी स्थिति में हैं.