PFI से जुड़े छात्र संगठन ने गतिविधियां रोकीं, कोर्ट में देगा चुनौती
PFI से जुड़े छात्र संगठन ने भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए जाने के बाद अपनी सारी गतिविधियां रोकने की घोषणा की है। प्रतिबंध ऑर्डर को कोर्ट में देगा चुनौती।
पीएफआई और उससे संबंधित संगठनों पर भारत सरकार ने पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। पीएफआई से जुड़े छात्र संगठन कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया ने कहा कि वह भारत के संविधान को माननेवाला संगठन है। वह संविधान के मूल्यों में विश्वास करता है और कानून का सम्मान करता है। इसीलिए संगठन पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद वह अपनी सारी गतिविधियां तत्काल प्रभाव से रोक रहा है।
पीएफआई से जुड़े छात्र संगठन कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया ने यह भी कहा कि उस पर लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं और संगठन की छवि को खराब करने के मकसद से प्रेरित हैं। कैंपस फ्रंट ने कहा कि संगठन दशकों से देश के युवाओं में लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता की भावना मजबूत करने के लिए काम कर रहा है। उसे अपने मकसद में कामयाबी भी मिली है। संगठन से जुड़े कई युवा अच्छे मूल्यों के साथ समाज में काम कर रहे हैं। संगठन कभी भारत के कानून के खिलाफ किसी भी तरह के कार्य में शामिल नहीं रहा। उस लगे सभी आरोप गलत हैं। वह कानून का सम्मान करते हुए अपनी गतिविधियां रोक रहा है, लेकिन संगठन पर लगाए गए गलत आरोपों के खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा। संगठन कोर्ट में अपना पक्ष रखेगा, इसके लिए कानूनविदों से राय लेगा।
कैंपस फ्रंट ने बयान जारी कर संगठन से जुड़े सभी छात्रों से कहा है कि वे संगठन के नाम पर या इसके बैनर का उपयोग करते हुए कोई गतिविधि नहीं करें। ऐसा करने पर संगठन जिम्मेदार नहीं होगा।
मालूम हो कि कल मंगलवार को देशभर में पीएफआई से जुड़े नेताओं के यहां एनआईए और ईडी ने छापे मारे थे। एक हफ्ता पहले 22 सितंबर को भी देशभर में छापे मारे गए थे। इसके बाद आज गृह मंत्रालय ने पीएफआई और उससे जुड़े संगठनों पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया।
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