फिर किसानों के आगे झुकी सरकार, तीन कदम पीछे हटी
सरकार बेरिकेड, लोहे के तार लगा रही है, नेशनल हाइवे पर फिर गड्ढे खोद रही है। ऊपर से आक्रामक दिखनेवाली सरकार दरअसल पीछ हटी है।
कुमार अनिल
रोबिन रिहाना फेंटी, जिसे उसके घरवाले और दोस्त रोबिन नाम से पुकारते हैं, वहीं दुनिया रिहाना नाम से जानती है, का ट्विट कल दिनभर गूंजता रहा। कल की एक बात और बेहद खास थी। कल जिंद की सभा में किसान नेता राकेश टिकैत ने लाखों की भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि अभी तो हम तीन कानून वापसी की मांग कर रहे हैं, जिस दिन गद्दी वापसी की मैंग कर देंगे, उस दिन क्या होगा?
रिहाना और राकेश टिकैत के बयानों का असर हुआ है। रिहाना के बाद ग्रेटा थनबर्ट किसानों के पक्ष में उतरीं। रिकार्डतोड़ बिकनेवाली पुस्तक एमविसियस गर्ल की युवा अमेरिकी लेखिका मीना हैरिस भी भारत के किसानों के पक्ष में खड़ी हो गईं। उधर टिकैत की चेतावनी भी धमाकेदार दी। जिस दिन गद्दी वापसी की मांग करेंगे, तब क्या होगा? इस देश में लोहिया से लेकर जेपी तक ने गद्दी छोड़ो आंदोलन चलाया है। इसके बाद सरकार की परेशानी बढ़ गई।
मोदी सरकार तीन मामलों में पीछे हटती दिख रही है। पहला, आज सुबह ही सड़क पर जो लोहे की कीलें लगाई गई थीं, उन्हें हटाने का कार्य शुरू हो गया। इन कीलों की तस्वीर कल पूरी दुनिया के लोगों ने देखी। इन कीलों ने भारतीय लोकतंत्र की छवि को नुकसान पहुंचाया। अब सरकार हटा रही है।
दूसरा असर संसद के भीतर दिखा। जिस बिल को बिना बहस और वोटिंग के राज्यसभा से पास कर दिया गया था, उसी बिल पर राज्य सभा में अब चर्चा होगी। यह सरकार का साफ-साफ पीछे हटना है।
तीसरी बात यह कि जिस तरह रिहाना के खिलाफ बॉलिवुड के सितारे, सचिन जैसे खिलाड़ी सामने आए, उससे सवाल हल होने के बदले नए सवाल खड़े हो गए। लोग पूछने लगे कि जब सौ से ज्यादा किसान ठंड में मर गए, तब ये सेलेब्रिटी कहां थे। लोगों ने कहा, किसान के पक्ष में खड़ा होना ही असली देशभक्ति है। सवाल चीन का भी उठा कि उस पर ये क्यों नहीं कुछ कह रहे। लोग पूछ रहे हैं कि सारे सितारों के ट्विट कापी-पेस्ट क्यों हैं? विरोधियों ने खुलकर पूछा कि क्या ये टेक्सट उन्हें आईटी सेल की तरफ से मिले। सेलेब्रिटी को आगे करना भी कमजोरी की ही निशानी है।
कल जिंद में राकेश टिकैत ने कहा कि अभी तो हम तीन कानून वापसी की मांग कर रहे हैं, जिस दिन गद्दी वापसी की मांग करेंगे, उस दिन क्या होगा। इसकी आहट पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मिलने लगी है। माना जा रहा है कि वहां एक नया राजनीतिक समीकरण तैयार हो रहा है। आज ही प्रियंका गांधी रामपुर के उस युवा किसान को श्रद्धांजलि देने पहुंचीं, जिसकी आंदोलन के दौरान मौत हुई है।