प्रशांत किशोर ने बड़े प्रचार के साथ जिसे प्रत्याशी घोषित किया, अब खुद उसी ने कह दिया कि वे चुनाव लड़ना नहीं चाहते हैं। मजबूरन पीके को प्रत्याशी बदलना पड़ा। एक दूसरी सीट पर जिसे प्रत्याशी बनाया, उसका वोटर लिस्ट में नाम ही नहीं है, सो वहां भी प्रत्याशी बदलना पड़ा।
जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर ने बेलागंज से प्रो. खिलाफत हुसैन को प्रत्याशी घोषित किया था। अब उन्होंने खुद ही बुधवार को प्रेस वार्ता में कहा कि वे चुनाव लड़ना नहीं चाहते हैं। इसीलिए पार्टी ने वहां से नया प्रत्याशी दिया है। अब जो प्रत्याशी बनाए गए हैं, उनका नाम है मो. अमजद। अमजद बेलागंज से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन दोनों बार हार मिली। अब तीसरी बार वे फिर से जन सुराज के प्रत्याशी के बतौर मैदान में उतरेंगे।
उधर भोजपुर जिले की तरारी सीट से जन सुराज ने सेना के पूर्व उप प्रमुख एसके सिंह को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है। इसलिए यहां भी प्रत्याशी बदलना पड़ा। अब तरारी में जन सुराज की प्रत्याशी किरण देवी बनाई गई हैं। वे एनजीओ चलाती हैं और महिलाओं के बीच काम करती हैं। किरण देवी भी राजपूत परिवार से हैं। इस प्रकर बेलागंज तथा तरारी में जन सुराज ने प्रत्याशी बदले हैं, पर उसी जाति का प्रत्याशी दिया है। इसलिए चुनावी समीकरण वही पुराना रहेगा।
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किसी भी पार्टी के लिए यह अच्छी बात नहीं है कि उसके चार घोषित प्रत्याशियों में दो को बदलना पड़े। इससे स्थिति हास्यास्पद हो जाती है। इधर नामांकन की तारीखें भी कम बची हैं। 13 नवंबर को उपचुनाव होना है। यहां मुख्य मुकाबला इंडिया गठबंधन तथा एनडीए में है। जन सुराज की कोशिश है कि मुकाबले को तिकोना बनाया जाए। मालूम हो कि प्रशांत किशोर पहली बार खुद पार्टी बना कर चुनाव लड़ रहे हैं। सबको परिणाम का इंतजार है।
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