प्रशांत किशोर की पार्टी स्थापना रैली टांय-टांय फिस्स हो गई। पटना के वेटनरी ग्राउंड में दो लाख लोगों के आने का दावा था, लेकिन पहुंचे, मुश्किल से दस हजार। दावा था कि इतनी भीड़ जुटेगी कि पूरा पटना जाम हो जाएगा, लेकिन प्रशांत किशोर की रैली की चर्चा पटना के चौक-चौराहे पर कहीं नहीं सुनाई पड़ रही। दावा था कि बिहार में दो अक्टूबर को नया सूरज उगेगा। बिहार की राजनीति बदल जाएगी। ऐसा कोई असर दूर-दूर तक सुनाई-दिखाई नहीं पड़ रहा। सोशल मीडिया में प्रशांत किशोर ट्रेंड कर रहा है, जिसमें लोग उनके दावे का मजाक उड़ा रहे हैं। कई वीडियो ऐसे हैं, जिसमें रैली में आए लोग कह रहे हैं कि वोट तो लालू-तेजस्वी को ही देंगे। प्रशांत किशोर की पार्टी का नाम जन सुराज पार्टी रखा गया है।
प्रशांत किशोर ने कार्यक्रम की शुरुआत में जय बिहार का नारा लगवाया और कहा कि आवाज बंगाल तथा तमिलनाडु तक जानी चाहिए, ताकि बिहारी युवकों को अपमानित करने वाले संभल जाएं। उन्होंने यह नहीं कहा कि आवाज दिल्ली तक पहुंचनी चाहिए, ताकि बिहार में आई बाढ़ के लिए प्रधानमंत्री मोदी विशेष मदद करें।
प्रशांत किशोर की रैली पर राजद, जदयू की प्रतिक्रिया आई है। राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि आज तक जिस दंगाई पार्टी और गोडसे के विचारों वाली पार्टी को बिहार नकारता आया है , जिसे आज तक अपने बूते पर बिहार में सरकार बनाने का तारीख नहीं मिला उस बीजे पार्टी ने बहुत घिसी पीटी तरह का प्रयोग अपनाया है। “नए हजारे के सहारे” वो बिहार में सरकार बनाने का ख्वाब देखा है। इसके लिए उसने अपने सबसे पुराने 2014 वाले अपने एजेंट और कंसलटेंट को डायरेक्टली ख़ुद हायर ही नहीं किया है बल्कि डायरेक्ट चुनाव में उतार दिया है ताकि साथ रखकर नीतीश कुमार को साइड लगा दिया जाय। बीजेपी ने अपने बेबी प्रोडक्ट के जरिए स्लो एंड स्वीट तरीके से नीतीश बाबू के ख़ात्मे की तैयारी शुरू कर दी है।
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जदयू के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि प्रशांत किशोर ऐसे चुनावी रणनीतिकार हैं, जिन्हें किसी पार्टी ने दुबारा काम नहीं दिया। वे गांधी का नाम लेकर गांधी की नीति को लागू करने वाले (नीतीश कुमार) के ही खिलाफ काम कर रहे हैं।
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