बिहार में इंडिया गठबंधन के नेता तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिंदू खतरे में वाले नैरेटिव की आज हवा निकाल दी। कहा कि देश का प्रधानमंत्री हिंदू है, राष्ट्रपति हिंदू हैं, तीनों सेना के अध्यक्ष हिंदू हैं, फिर देश का हिंदू खतरे में कैसे है? कहा कि हिंदू खतरे में नहीं है, दरअसल मोदी जी की कुर्सी खतरे में है। याद रहे प्रधानमंत्री पिछले एक हफ्ते से कह रहे हैं कि हिंदू खतरे में है। कांग्रेस और इंडिया गठबंधन वाले हिंदू महिलाओं के मंगलसूत्र छीन कर मुसलमानों में बांट देंगे, किसी के पास दो भैंस होगी, तो एक ले लेंगे जैसे बयान दे रहे हैं। दो दिन पहले अमित शाह ने कहा था कि इंडिया गठबंधन जीत गया, तो शरिया कानून लागू कर देंगे। आज तेजस्वी यादव ने मुसलमानों के खिलाफ हिंदुओं में नफरत भरने की कोशिश की हवा निकाल दी।
उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री हिंदू, राष्ट्रपति हिंदू, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री हिंदू, तीनों सेनाध्यक्ष हिंदू है फिर भी ये लोग कह रहे है कि धर्म खतरे में है। दरअसल धर्म को ख़तरे में बताने वाले यह नहीं बताना चाहते कि रिकॉर्डतोड़ बेरोजगारी से देश के 60 फीसदी युवाओं का वर्तमान एवं भविष्य खतरे में है। किसान और कृषि खतरे में है। उद्योग-धंधे खतरे में है। बहन बेटियाँ और महिलाएं खतरे में है। शिक्षा-चिकित्सा खतरे में है। महंगाई-गरीबी से बहुसंख्यक आबादी खतरे में है। जनता के जिंदा मुद्दों पर तो प्रधानमंत्री जी बात ही नहीं करना चाहते।
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तेजस्वी यादव का यह हमला सोशल मीडिया में वायरल हो गया है। लोग कह रहे हैं कि भाजपा के हिंदू-मुस्लिम राजनीति को जनता अब समझ चुकी है। तेजस्वी ने मीडिया से बात करते हुए शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री को तो हमने बिहार में नुक्कड़ सभा करने पर मजबूर कर दिया हैं। जिसे मर्ज़ी ले आओ, हम बिहारी है, ठेठ बिहारी, खाँटी बिहारी! कहा कि निरंतर बीजेपी के नेता और प्रत्याशी छाती ठोंक सरेआम मीडिया और पब्लिक के सामने संविधान खत्म करने की बात कर रहे है लेकिन उन लोगों पर कारवाई करने की बजाय प्रधानमंत्री उन्हें जिताने अर्थात् संविधान बदलने के लिए वोट माँग रहे है।