पीएम के कार्यक्रम में जानेवाले पत्रकारों को देना होगा चरित्र प्रमाणपत्र
हिमाचल प्रदेश प्रशासन ने आदेश दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम को कवर करने वाले पत्रकारों को चरित्र प्रमाणपत्र देना होगा, तभी मिलेगा पास।
कुमार अनिल
पहले से ही डरी हुई पत्रकारिता के लिए और भी डरानेवाली खबर आ रही है। हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम को कवर करने से पहले पत्रकारों को अपना चरित्र प्रमाणपत्र बनवाना होगा। यह चरित्र प्रमाणपत्र हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर के पुलिस उपाधीक्षक (सीआईडी) से प्राप्त करना होगा।
इस खबर पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा-तुम जितना झुकोगे, वो तुम्हें और झुकाएँगे। तुम जितना गिरोगे, वो तुम्हें और गिराएँगे। कांग्रेस ने व्यंग्य करते हुए कहा-पत्रकारों के ‘चरित्र प्रमाण पत्र’ के नियम व शर्त-जो मीठा-मीठा लिखे/बोले, जो तथ्यों और मुद्दों पर बात न करे, जुमलों की पोल न खोले, BJP सरकार पर सवाल न उठाए, अंध भक्ति में लीन रहे, मुद्दों से ध्यान भटकाए, विपक्ष को कमजोर बताए और ‘ऑपरेशन कीचड़’ पर ताली बजाए।
पत्रकार अजीत अंजुम ने कहा-चाटूकारिता करते – करते यहाँ तक आ गए कि अब मोदी जी की पब्लिक मीटिंग में जाने के लिए भी पत्रकारों से ‘चरित्र प्रमाण पत्र’ माँगा जा रहा है. फिर भी राष्ट्रवादी चमचों की बोली नहीं निकल रही है .. हिम्मत ही नहीं हो रही है कि विरोध करें ….।
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हिंदुस्तान की पूर्व संपादक मृणाल पांडेय ने कहा-ज़मीर वाले मीडिया को यथासंभव ऐसी अपमानजनक कवायदों से परे रहना चाहिए, वरना आगे जाकर कहीं रपट को छापने या उसके प्रसारण से पहले सरकार से अनापत्ति प्रमाण लेने का आदेश न जारी हो जाये।
तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले ने कहा-यह न सिर्फ दुखद है, बल्कि मीडिया का अपमान भी है। भारत के इतिहास में आज तक कभी पत्रकार से चरित्र प्रमाणपत्र नहीं मांगा गया। किस बात का चरित्र प्रमाणपत्र दें। अगर पत्रकार देते हैं, तो राजनेता क्यों नहीं देंगे। भाजपा नेताओं के चरित्र का मूल्यांकन कौन करेगा?
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