राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेता नरेन्द्र मोदी ने शनिवार रात को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भेंट कर नयी सरकार बनाने का दावा पेश किया, जिसके बाद राष्ट्रपति ने उन्हें नयी सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया।
इससे पहले राजग के घटक दलों के नेताओं ने श्री मोदी को गठबंधन का नेता चुने जाने और अपने समर्थन का पत्र राष्ट्रपति को सौंपा। इससे पूर्व संसद के केंद्रीय कक्ष में राजग संसदीय दल की बैठक में श्री मोदी को पुन: नेता चुना गया। इसके कुछ ही देर बाद श्री मोदी राष्ट्रपति भवन गये और सरकार बनाने का दावा पेश किया, इस पर राष्ट्रपति ने उन्हें नयी सरकार बनाने का न्योता दिया।
श्री मोदी ने सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव सम्पन्न होने और परिणाम आने के बाद कल राष्ट्रपति से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया था। राष्ट्रपति ने उनसे नयी सरकार के गठन तक पद पर बने रहने का अनुरोध किया था। इस बीच, मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा तथा दोनों चुनाव आयुक्त ने श्री कोविंद से आज मिलकर 17वीं लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों की सूची सौंपी थी।
राजग संसदीय दल की बैठक में श्री मोदी को पहले भारतीय जनता पार्टी संसदीय दल का नेता, उसके बाद उन्हें राजग संसदीय दल का नेता चुना गया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने श्री मोदी को पार्टी संसदीय दल का नेता चुनने का प्रस्ताव पेश किया। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी ने इसका अनुमोदन किया और उसके बाद पार्टी के सभी नवनिर्वाचित सांसदों ने हाथ खड़े कर और मेजें थपथपाकर प्रस्ताव का समर्थन किया।
इसके बाद शिरोमणि अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल ने श्री मोदी को राजग संसदीय दल का नेता चुनने का प्रस्ताव पेश किया। जनता दल यू के प्रमुख एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, लोक जनशक्ति पार्टी प्रमुख रामविलास पासवान, अन्नाद्रमुक के नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई के पलानीसामी, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के प्रमुख एवं नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो तथा नेशनल पीपुल्स पार्टी के प्रमुख एवं मेघालय के मुख्यमंत्री कोनार्ड संगमा ने प्रस्ताव का अनुमोदन किया। इसके बाद राजग के नवनिर्वाचित सांसदों ने दोनों हाथ उठाकर तथा मेजें थपथपाकर इसका समर्थन किया। अपना दल, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी तथा राजग के अन्य घटक दलों की आेर से भी श्री मोदी को नेता चुनने के समर्थन में पत्र भेजे गये थे।
बैठक में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी तथा सुषमा स्वराज भी मौजूद थी। इसके अलावा भाजपा तथा राजग के अन्य घटक दलों के शासन वाले राज्यों के मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री तथा कुछ अन्य नेता भी उपस्थित थे।