पुलिस ने चिपकाया पोस्टर, आंदोलित किसानों को नहीं मिलेगा डीजल
आज एक बड़ी खबर आ रही है। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के पेट्रोल पंपों पर पुलिस का पोस्टर देखा गया, जिसमें आंदोलनकारी किसानों को डीजल देने से मना किया गया है।
कुमार अनिल
एक तरफ केंद्र सरकार 26 जनवरी को आंदोलनकारी किसानों को दिल्ली में परेड करने का रूट दे रही है, वहीं उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के पेट्रेल पंपों पर गाजीपुर पुलिस ने पोस्टर लगाकर किसानों को डीजल देने से मना किया है। अंग्रेजी अखबार द हिंदू के अनुसार पेट्रोल पंपों पर ये पोस्टर किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के मकसद से चिपकाए गए हैं।
उधर नागरिक अधिकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता तथा देश के चर्चित वकील प्रशांत भूषण ने ट्वीट करके पोस्टर चिपकाने की कड़ी निंदा की है। ट्वीट में उन्होंने योगी राज को गुंडा राज कहा है।
26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड की इजाजत देकर फंसी मोदी सरकार
कई प्रख्यात हस्तियों द्वारा आलोचना होने पर गाजीपुर पुलिस ने बयान दिया कि ऐसा कोई फरमान पुलिस ने जारी नहीं किया है। जहां तक एक खास थाना क्षेत्र में ऐसे पोस्टर देखे जाने का सवाल है, तो वह गलती से सहवाल थाना क्षेत्र में चिपकाया गया है। एडिशनल एसपी रूरल को मामले की जांच का जिम्मा दिया गया है।
किसान संसद ने किसानों पर दमन की निंदा की
आज सिंघु बार्डर पर दो दिवसीय किसान संसद का समापन हो गया। इस अवसर पर एक विज्ञप्ति जारी करके किसानों पर हुए दमन की निंदा की गई है। विज्ञप्ति में किसानों पर दमन के साथ ही किसानों को बदनाम करने के लिए दुष्प्रचार, गोदी मीडिया की नकारात्मक भूमिका की भी निंदा की गई। किसान संसद ने दिल्ली पुलिस द्वारा किसानों को ट्रैक्टर मार्च निकालने की इजाजत देने की सराहना भी की। किसान संसद ने आंदोलन के दौरान किसानों के संयम और सेवाभाव की सराहना की। किसान संसद में देश के कई प्रख्यात अर्थशास्त्री, बुद्धिजीवी और जनप्रतिनिधि शामिल हुए।
इस बीच आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (एआईपीएफ) के बिहार प्रवक्ता पूर्व विधायक रमेश कुशवाहा ने कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली में किसान परेड ऐतिहासिक होगा। एआईपीएफ बिहार और यूपी में किसानों को संगठित करने का लगातार प्रयास कर रहा है।