जन्मदर में गिरावट के कारण घटने लगा है भारत की जनसंख्या का अनुपात: सर्वे रिपोर्ट में खुलासा
आर्थिक सर्वे रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है कि भारत के कुछ राज्यों में जन्म दर इतनी कम हो गयी है कि देश में जनसंख्या का अनुपात घटने लगा है. आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम और उनकी टीम द्वारा तैयार इस सर्वे रिपोर्ट में यहां तक कहा गया है कि देश में कामकाजी युवाओं की संख्या में भारी कमी होने की संभावना है.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले दो दशकों में भारत में जनसंख्या वृद्धि में तेज गिरावट देखने को मिलेगी और कुछ राज्यों में 2030 तक उम्रदराज लोगों की तादाद बढ़ने लगेगी। दक्षिण भारत के राज्यों के साथ हिमाचल प्रदेश, पंजाब, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में जन्म दर इतनी कम हो गई है कि देश में जनसंख्या का अनुपात घटने लगा है.
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वित्त मंत्री निर्णला सीता रमन ने संसद में आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पेश की है. इस रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है.
कामकाजी लोगों की संख्या आधी हो जायेगी
ऐसा माना जा रहा है कि कामकाजी आबादी 2021-31 के दौरान 97 लाख सालाना की दर से ही बढ़ेगी। वहीं, 2031-41 के बीच ये आंकड़ा गिर कर 41 लाख के करीब रह जाएगा। इसीलिए अभी से तैयारी की जरूरत है।.
इस रिपोर्ट में कुछ विकसित देशों का हवाला दिया गया है और बताया गया है कि कैसे उन देशों में कामकाजी लोगों की संख्या घटने के कारण सेवानिवृत्ति की उम्र लगातार बढ़ाई जा रही है.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि कई देश बूढ़ों की बढ़ती आबादी और पेंशन पर खर्च के कारण सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ा रहे हैं। जर्मनी में सेवानिवृत्ति उम्र 2023 तक 66 साल और 2029 तक 67 साल हो जाएगी। अमेरिका में पेंशन लेने की उम्र सीमा बढ़ाकर 67 साल की जा रही है। ब्रिटेन में 2020 तक 66 साल और 2026 तक 67 वर्ष करने का प्रस्ताव है। चीन सरकार 2045 तक सेवानिवृत्ति उम्र 65 साल करना चाहती है। सबसे आगे जापान है। वहां ये उम्र 70 साल रखने पर काम चल रहा है। भारत में कुछ सेवाओं को छोड़कर रिटायरमेंट की उम्र सीमा 60 साल है