केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्राकृतिक आपदाओं को विकासशील देशों की अर्थव्यस्थाओं के तेज गति से बढने में बाधा बताते हुए आज कहा कि इनके जोखिम और प्रभाव को कम करने के लिए सब देशों को एकजुट होकर परस्पर तालमेल के साथ प्रयास करने होंगे।
श्री शाह ने नई दिल्ली में ‘शंघाई सहयोग संगठन – शहरी भूकंप खोज तथा बचाव संयुक्त अभ्यास 2019 ’ के उद्घाटन अवसर पर बोलते हुए कहा कि यह आयोजन एक वर्ष से अधिक चली बातचीत और सदस्य देशों के बीच के सहयोग का परिणाम है। उन्होंने कहा कि भारत ने कीर्गिस्तान की राजधानी बिस्वेक में एससीओ के 19वें सम्मेलन में साझा क्षेत्र में संपर्क को और बेहतर करने की जरूरत पर बल दिया था और आपसी सहयोग को मजबूत बनाने की दिशा में संयुक्त अभ्यास के मंत्र को एक महत्वपूर्ण कदम बताया था।
उन्होंने कहा कि चार दिन का यह अभ्यास आपदा प्रतिरोधी क्षमता का निर्माण करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। वर्ष 1996 से वर्ष 2015 की अवधि के दौरान ऐसे देशों में प्राकृतिक आपदाओं से लगभग तीन लाख लोगों की जान गई है जिसमें से दो लाख से अधिक लोगों की जान भूकम्प से गई है। यह इन देशों में आपदा से होने वाली मौतों का दो तिहाई हिस्सा है इसलिए भूकंप के खतरे से निपटना एससीओ के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण मुद्दा है। उन्होंने कहा कि शहरी भूकंप खोज संयुक्त अभ्यास सामूहिक तैयारी में सुधार में बहुत उपयोगी होगा और इससे भूकंप के बाद की कार्रवाई में समन्वय करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रक्रियाओं को समझने में सहायता मिलेगी।