इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम पर दुनिया के सबसे भ्रष्ट रैकेट का भंडाफोड़ करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने पटना में कहा कि अभी संघर्ष समाप्त नहीं हुआ है। अब भ्रष्टाचारियों को जेल के अंदर पहुंचाना है। मालूम हो कि एलेक्टोरल बॉन्ड को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने का श्रेय प्रशांत भूषण को ही है। उन्होंने ही कोर्ट के सामने सारे तर्क रखे, जिसके बाद कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड को अवैध घोषित किया। एसबीआई को सारी जानकारी जनता के बीच लाने के मजबूर किया। इसके बाद भाजपा की जबरन वसूली का भंडाफोड़ हो गया। प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में अब एक नई याचिका दायर की है, जिसमें इस अवैध धंधे में शामिल लोगों को सजा देने तथा वसूली की रकम को जब्त करने की मांग की गई है।

प्रशांत भूषण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एलोक्टोरल बॉन्ड को अवैध घोषित कर दिया है, अब कोर्ट को अपनी निगरानी में एसआईटी का गठन करना चाहिए। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) की तरफ से प्रशांत भूषण सुप्रीम कोर्ट के सामने अपना पक्ष रख चुके हैं, जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के अवकाशप्राप्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एसआईटी गठित करने की मांग की है, ताकि भ्रष्टाचार पर से पर्दा हट सके। इसी आशय की एक याचिका भी दायर की गई है।

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उन्होंने आरोप लगाया कि इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम पर धन देनेवाली कंपनियों ने 3.7 लाख करोड़ का ठेका और प्रोजेक्ट हासिल किया है। एलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये भाजपा को 1751 करोड़ रुपए देकर 3.7 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट हथियाए गए। उन्होंने यह भी कहा कि 41 कंपनियों के खिलाफ CBI, ED और IT विभाग जांच कर रहा था। इन कंपनियों ने भाजपा को 2471 करोड़ रुपए चंदा दिए। इसके बाद जांच बंद हो गई या धीमी कर दी गई। प्रेस वार्ता में प्रशांत भूषण के साथ ही पारदर्शिता कार्यकर्ता अंजलि बारद्वाज भी मौजूद थीं।

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