इर्शादुल हक, संपादक, नौकरशाही डॉट कॉम

दिल थाम कर पढ़िये. आज फिर प्रशांत किशोर पांडेय के जनसुराज की कुछ अंदरूनी कहानी बता रहा हूं.

इससे पूर्व के पोस्ट में दो बातों का उल्लेख किया जा चुका है. पहला- चालीस मुस्लिम प्रत्याशी खड़े होंगे. दूसरा- हरेक प्रत्याशी को ( चुनाव खर्च) मुंहमांगी कीमत दी जायेगी.

आज एक नया रहस्योद्घाटन सुनिये.

दो हफ्ते पहले के पोस्ट में मैंने पीके पांडेय की तुलना यहूदी षड्यंत्रकारी अब्दुल्ला इब्न सबा से की थी. यहूदी मजहब का अब्दुल्ला इब्न सबा, इस्लाम के चौथे खलीफा हजर उस्मान गनी के दौर में मुसलमानों के अंदर भयंकर विद्रोह कराने के षड्यंत्र में सफल रहा था. यहां तक कि उसके षड्यंत्र का शिकार हो कर मुसलमानों ने आपस में भयंकर युद्ध तक किया.

वह पोस्ट वाह्ट्सऐप पर वॉयरल हो गया था. तब अनेक फोन आये. उसी समय एक परिचित जनसुराजी का फोन आया. वह सज्जन पीके पांडेय की कोर टीम का हिस्सा भी हैं. उन्होंने कहा कि आप प्रत्याशियों को पैसे देने की बात लिख रहे हैं. सच्चाई तो यह है कि प्रभावशाली पत्रकारों को भी मुंहमांगी कीमत दी जा रही है. दो से तीन हजार यूट्यूबर्स की लिस्ट बन रही है सो अलग. जिस यूट्यूबर से जितने में डील हो जाये, वो किया जा रहा है.

उन जनसुराजी साथी ने मुझसे यह भी बताया कि उस लिस्ट में मेरा ( इर्शादुल हक) नाम भी है. और उन्होंने यह भी कहा कि मैं क्यों पीके पांडेय की बहती गंगा में डुबकी लगाने के बजाये अपनी डफली अकेला बजा रहा हूं.

उन श्रीमान की बात सुन कर मैं अंदर ही अंदर मुस्कुराया. फिर मैंने उन्हें जवाब दिया- कि चर्चा है कि प्रशांत किशोर पांडेय को चार-पांच हजार करोड़ रुपये पम्प किये गये हैं. इसकी सच्चाई क्या है मुझे नहीं मालूम. पर पीके पांडेय की यह छोटी रकम मेरी कीमत नहीं हो सकती, मैंने उन्हें बताया था.

आज फिर एक कॉल आया. इस बार बिहार के एक चर्चित पत्रकार का फोन था. कह रहे थे कि यूट्यूब चैनलों के अनेक चर्चित पत्रकारों का सौदा जनसुराज से तय हो गया है. यहां तक कि वह जिस चैनल से जुड़े हैं वह चैनल भी डील फाइनल कर चुका है.

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जिन पत्रकार बंधु ने फोन किया वह काफी देर तक मुझसे बात करते रहे. शायद वह ये जानने की कोशिश कर रहे थे कि मैं जनसुराज वालों से डील कर रहा हूं या नहीं. लेकिन यह बात पूछने की वह साहस नहीं जुटा पा रहे थे. वह पत्रकार साथी मेरी फितरत से वाकिफ हैं. सो मुझे उन्हें कुछ बताने या इशारा करने की भी जरूरत नहीं हुई.

आखिरी बात

आखिरी बात खुद प्रशांत किशोर पांडेय के एक बयान को तथ्य के तौर पर पेश करना चाहता हूं ताकि आम पाठक भी मामले को समझ लें. पिछले दिनों महिलाओं से जुड़े एक कार्यक्रम में प्रशांत किशोर पांडेय ने कहा था कि “मोबाइल चलाने वाली कोई भी युवती अगर हम से जुड़ती है तो उसके के लिए मैं 10-15 हजार रुपये मासिक की व्यवस्था करने की गारंटी देता हूं”.

नतीजा

इस चुनाव में सोशल मीडिया पर छा जाने की पूरी तैयारी जनसुराज ने कर ली है. अब आम दर्शक-पाठक भी महसूस करेंगे.

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By Editor


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