वरिष्ठों के सर पर थोपे गये PK अब औकात में आ चुके हैं, कर रहें हैं दर्द का बयान
प्रशांत किशोर यानी PK को अचानक वरिष्ठों के सर पर थोपते हुए जदयू का उपाध्यक्ष बना दिया गया था.
जिससे पार्टी में खलबली मच गयी थी. यहां तक कि आरसीपी सिंह से भी प्रभावशाली बन गये थे. लेकिन अचानक PK को जदयू ने किनारे कर दिया है. किनारे किये जाने के बाद PK काफी पीड़ित हैं. हालत यह हो गयी है कि वह अब अपनी पीड़ा खुल कर जाहिर करने लगे हैं.
उनका कहना है कि जदयू के चुनाव प्रचार एंव प्रबंधन का काम वरीय एंव अनुभवी नेता आरसीपी सिंह जी देख रहे हैं. राजनीतिक के शुरुआती दौर में मैं सीखने का काम कर रहा हूं.
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ज्ञात हो कि यह प्रशांत किशोर ही थे जिन्हें नीतीश कुमार ने भारी रकम दे कर 2015 के विधानसभा चुनाव में हायर करके अपने चुनाव अभियान को संचालित करवाया था. लेकिन आज हालत यह हो गयी है कि प्रशांत किशोर पार्टी के उपाध्यक्ष हो कर भी चुनाव अभियान से दूर कर दिये गये हैं.
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बिहार में NDA माननीय मोदी जी एवं नीतीश जी के नेतृत्व में मजबूती से चुनाव लड़ रहा है।
JDU की ओर से चुनाव-प्रचार एवं प्रबंधन की जिम्मेदारी पार्टी के वरीय एवं अनुभवी नेता श्री RCP सिंह जी के मजबूत कंधों पर है।
मेरे राजनीति के इस शुरुआती दौर में मेरी भूमिका सीखने और सहयोग की है।
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) March 29, 2019
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माना जा रहा है कि खुद नीतीश कुमार भी प्रशांत किशोर से खुन्नस खा चुके हैं. क्योंकि प्रशांत किशोर ने एक कार्यक्रम में कहा था कि वह प्रधान मंत्री और मुख्यमंत्री बना सकते हैं तो लोगों को जिला परिषद का अध्यक्ष और सांसद-विधायक भी बना सकते हैं. प्रशांत की इस बात को जदयू के कुछ नेताओं ने जोरदार विरोध किया था.