प्रशांत किशोर की बड़ी घोषणा, पार्टी बनेगी, पर वे नहीं बनेंगे सुप्रीमो
दशकों बाद कोई नेता राजधानी पटना छोड़कर गांव-गांव घूम रहा है। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर महीनों से गांव-गांव जा रहे हैं। कर दी बड़ी घोषणा।
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि नई पार्टी बनेगी, पर उसके नेता वे नहीं होंगे। उन्होंने नेता चुनने की प्रक्रिया भी बताई और उद्देश्य भी। प्रशांत किशोर ने कहा कि वे गांव-गांव घूम रहे हैं। समाज के अच्छे लोगों को जोड़ रहे हैं। हर प्रखंड में लोग संगठित हो रहे हैं। ये प्रखंड के अच्छे लोग ही नई पार्टी का संविधान तय करेंगे। यही तय करेंगे कि विधानसभा चुनाव में किसे टिकट दिया जाए। इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने यह भी कह दिया कि नोट कर लीजिए, पार्टी प्रमुख का चुनाव आप ही करेंगे, मेरा उसमें कोई ऑप्शन नहीं होगा। अर्थात वे पार्टी अध्यक्ष के लिए उम्मीदवार नहीं होंगे।
प्रशांत किशोर ने अन्य दलों से विभाजन रेखा खिंचते हुए कहा कि जो नई पार्टी बनेगी वह किसी एक जाति की नहीं होगी, एक व्यक्ति की नहीं होगी और न ही किसी एक परिवार की पार्टी होगी। स्पष्ट है वे आज के दौर में विभिन्न दलों में चल रहे सुप्रीमो कल्चर के खिलाफ हैं। वे नहीं चाहते कि पार्टी में व्यक्ति पूजा की संस्कृति हो और सारे कार्यकर्ता एक व्यक्ति के आगे-पीछे करते दिखें। वे दल के भीतर भी लोकतंत्र चाहते हैं। प्रशांत किशोर का यह अभिनव प्रयोग है, क्योंकि सारे दल आज व्यक्ति केंद्रित ही हो गए हैं।
प्रशांत किशोर पिछले तीन दिनों में वैशाली, समस्तीपुर और सीतामढ़ी में विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों से मिले। समस्तीपुर में जिले भर से आए जन प्रतिनिधियों से उन्होंने संवाद किया। और तो और, वे सीतामढ़ी में प्रसिद्ध पुनौरा धाम दर्शन को गए, तो सिर्फ दर्शन करके लौट नहीं गए, बल्कि वहां के पुजारी से भी संवाद किया। दर्शन के बाद उन्होंने पुजारी के साथ अलग बैठकर चर्चा की।
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