PressDay: मोदी चुप, राहुल गरजे, कहा, सच को दी जा रही सजा
#NationalPressDay पर पत्रकारों को औपचारिक बधाई दी जा रही है। पीएम ने चौथे स्तंभ को नहीं दी बधाई। राहुल ने पत्रकारों को जेल में बंद रखने का किया विरोध।
आज देश में #NationalPressDay ट्रेंड कर रहा है। अधिकतर लोग औपचारिक रूप से सभी पत्रकारों को प्रेस दिवस की बधाई दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह ने पत्रकारों को कोई बधाई नहीं दी।
इधर, राहुल गांधी ने देश के पत्रकारों को जेल में वर्षों से बंद रखने का विरोध किया। उन्होंने ट्वीट किया-जब सच बोलने पर सज़ा मिले तो साफ़ है कि सत्ता झूठ की है। राहुल गांधी ने एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें पत्रकारों पर हमले, उन्हें वर्षों से जेल में रखने के विरोध में सवाल उठाए गए हैं।
राहुल गांधी ने अपने वीडियो में बहादुर पत्रकारों को सलाम पेश करते हुए कहा कि सत्य की राह आसान नहीं होती। उन्होंने कहा कि देश में पिछले कुछ वर्षों में 40 पत्रकारों की हत्या की गई है। केरल के पत्रकार कप्पन को यूपी पुलिस द्वारा जेल में बंद रखने पर भी सवाल उठाया। त्रिपुरा में पत्रकारों की गिरफ्तारी, हमले पर भी विरोध जताया।
जब सच बोलने पर सज़ा मिले तो साफ़ है कि सत्ता झूठ की है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 16, 2021
When there’s punishment for speaking the truth, it’s clear that falsehood is in power. #NationalPressDay pic.twitter.com/EGuWgqhJGy
द वायर ने इस अवसर पर 5जुलाई को प्रकाशित आलेख को फिर से जारी किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुनिया के उन 37 नेताओं के साथ रखा गया है, जो प्रेस का गला घोंटते हैं।
जाकिर अली त्यागी ने कश्मीर के पत्रकार आसिफ सुल्तान का मामला उठाया, जिन्हें सवा तीन साल से जेल में बंद रखा गया है। जाकिर ने ट्वीट किया- पत्रकार आसिफ़ सुल्तान UAPA के तहत 1176 दिनों से श्रीनगर जेल में है,आसिफ़ कश्मीर के पैलेट गन पीड़ितों के दर्दों को स्टोरीज़ में पिरोते थे,जिसके लिए अमेरिका की NPC ने अवॉर्ड भी दिया, आसिफ की नन्ही सी बच्ची भी इतनी बड़ी हो गई है कि अपने बाबा के लिए रिहाई मांगने लगी!
आज ट्विटर पर नेशनल प्रेस डे हैशटैग के साथ लोगों ने गोदी मीडिया की जमकर क्लास ली है। वहीं सत्ता से सवाल करनेवाले पत्रकारों के साहस की दाद भी दी जा रही है। प्रेस पर हमले, पत्रकारों को जेल भेजने के मामले अधिकतर भाजपा शासित राज्यों में हुए हैं। सभी विपक्षी दलों से जुड़े लोग भाजपा की खिंचाई कर रहे हैं। वहीं भाजपा के बड़े नेता चुप हैं। कुछ दूसरे बाजपा नेताओं ने सभी पत्रकारों को बधाई दी है, पर जेल में बंद पत्रकारों के मुद्दे पर वे भी चुप ही हैं।
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