70 सालों में पहली बार किसी Prime Minister ( मोदी) के भाषण के अंश को असंसदीय मानते हुए संसद कार्यवाही से हटाया गया है.ऐसी सजा पाने वाले वह देश के पहले prime Minister बन गए हैं.
तस्नीम कौसर
उप सभापति पोस्ट के लिए हुये चुनाव मे एनडीए उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह के जीतने के बाद प्रधान मंत्री मोदी ने अपने भाषण में कांग्रेस उम्मीदवार पर तंज कसा. और कहा कहा था, ‘उधर बिके हरि थे लेकिन बिका कोई नहीं’. ध्यान रहे कि कांग्रेस ने उपसभापति पद के लिए बीके हरि को उम्मीदवर बनाया था. मोदी ने उनके नाम के पहले हिस्से- ‘बीके’ का मिसयूज किया. और इसे असंसदीय तरीके से इस्तेमाल किया. सभापति वेंकैया नायडु का जमीर जागा. उन्होंने इस शब्द को असंसदीय करार देते हुए हटाने की घोषणा कर दी.
नायडु की इस कार्रवाई से प्रधान मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद की गरिमा पर स्वाभाविक तौर पर धक्का लगा है. पिछले चार सालों में अनेक बार मदी ने संसद से बाहर और संसद के अंदर अपने भाषणों में पद के अनुकूल आचरण नहीं किया. लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि उनको इसकी सजा भी भुगतनी पड़ी है.
दरअसल खरीद बिक्री मुनाफा नुकसान दो दूनी पाँच के माहिर लोगों को मेंडक तोलने की जल्दी है .एक और खास बात- हरवंश जी को बधाई दे कर लौट के अपनी सीट पे आते उन्हों ने अरुण जेटली की तरफ हाथ बढ़ाया.शेक हैंड के लिए. लेकिन इस के जवाब में अरुण जे टली नमस्ते की मुद्रा मे ही रहे. उन्होंने मोदी को नाउममीद किया.
इससे यह बात याद आ गई की दो साल पहले अरुण शोरी ने कहा था. इस देश में ढाई लोगों की सरकार है. दो तो आप समझ गए होंगे आधा उनहों ने अरुण जेटली को कहा था.
अब अरुण शोरी कहते हैं ‘इस देश मे पौने दो लोगों की सरकार है’.पूछा गया कि ये पौना कौन है ,बोले-बाल नरेंद्र .