प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज टेकनपुर स्थित बीएसएफ ऐकडमी में पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए सुरक्षा के मुद्दों पर खुलेपन की स्वीकार्यता को राज्यों द्वारा अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने अवैध वित्तीय लेन-देन पर अधिक जानकारी साझा करने के लिए उभरती हुई वैश्विक सहमति का उल्लेख किया और कहा कि भारत को इस दिशा में एक प्रमुख भूमिका निभाना है.
नौकरशाही डेस्क
प्रधानमंत्री ने कहा कि सुरक्षा के मुद्दों पर जैसा कि दुनिया भर में खुलेपन की स्वीकार्यता बढ़ रही है, यहां भी राज्यों को इसे अपनाने की आवश्यकता है. सुरक्षा को चुनिंदा तरीके से या अकेले नहीं प्राप्त किया जा सकता है. लेकिन राज्यों के बीच साइलो और जानकारी साझा कर हर किसी को अधिक सुरक्षित बनाया जा सकता है. उन्होंने जोर देकर कहा, “हम एक संकलित इकाई नहीं हैं, बल्कि एक कार्बनिक इकाई हैं.”
प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 के बाद से सम्मेलन की प्रकृति और क्षेत्र में कैसे बदलाव हुए हैं, इसी के तहत यह सम्मेलन दिल्ली से बाहर किया जा रहा है. उन्होंने उन अधिकारियों की सराहना की जो इस बदलाव में सहायक रहे हैं. देश की चुनौतियों और जिम्मेदारियों के संदर्भ में यह सम्मेलन अब और भी अधिक प्रासंगिक हो गया है. उन्होंने कहा कि सम्मेलन के नए प्रारूप में चर्चा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. उन्होंने देश की सुरक्षा में प्रयोग में लाये जा रहे सुरक्षा उपकरणों की सराहना की और कहा कि आज के इस सम्मेलन में उपस्थित अधिकारियों ने नकारात्मकता के माहौल में काम करने के बावजूद सही नेतृत्व प्रदान किया है.
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में इस सम्मेलन में चर्चाओं के परिणामस्वरूप, अब एक उद्देश्य स्पष्ट रूप से पुलिस बल को परिभाषित करता है, कि कार्यों के निष्पादन में बहुत ही संशक्ति होता है. इस सम्मेलन के माध्यम से शीर्ष पुलिस अधिकारियों को समस्याओं और चुनौतियों को समझने में एक पूर्ण दृष्टिकोण मिलता है. उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में चर्चा की जा रही विषयों की श्रेणी अधिक विस्तृत हो गई है. इसने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को पूरी तरह से नई दृष्टि देने में मदद की है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि साइबर सुरक्षा के मुद्दों को तुरंत निपटाया जाना चाहिए और इसे सर्वोच्च प्राथमिकता भी देना चाहिए. इस संदर्भ में उन्होंने विशेष रूप से सोशल मीडिया के महत्व का उल्लेख किया और कहा कि मैसेजिंग (संदेशों) की अधिक प्रभावशीलता के लिए इसे स्थानीय भाषाओं में होना चाहिए. कट्टरता पर भी, प्रधानमंत्री ने समस्याग्रस्त क्षेत्रों में हल निकालने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का आग्रह किया. साथ ही उन्होंने आईबी अधिकारियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक भी प्रदान किए. इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह तथा केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहिर और किरण रिजीजू भी उपस्थित थे.