खुली जगह पर नमाज अदा करने के मामले में भारतीय जनता पार्टी बचाव की मुद्रा में आ गयी है। भाजपा ने आज स्पष्ट किया कि मोदी सरकार सबका साथ, सबका विकास एवं सर्वधर्म समभाव की भावना के आधार पर काम करती है। ऐसी कोई बात नहीं की जानी चाहिए जिससे समाज में बिखराव और टकराव पैदा हो।
नयी दिल्ली : सार्वजनिक स्थल पर नमाज का मसला भाजपा के लिए कितना गंभीर हो गया है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री के बाद पार्टी के दो बडे अल्पसंख्यक चेहरे इस मसले पर सफाई देने मीडिया के सामने आये। पत्रकारों से बात करते हुए सैयद शाहनवाज हुसैन कहा कि नमाज पढऩे से कोई किसी को नहीं रोक रहा है और यदि किसी सार्वजनिक स्थान या सड़क पर कोई धार्मिक आयोजन होता है तो प्रशासन को इसकी सूचना दी जाती है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री के बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है और उन्होंने बाद में इसे स्पष्ट भी कर दिया है।
हुसैन ने कहा अगर सार्वजनिक स्थल पर रामलीला या दशहरा का आयोजन किया जाता है, तब भी प्रशासन को सूचित किया जाता है। समाज में सौहार्द बनाये रखना सभी की जिम्मेदारी है और ऐसी कोई बात नहीं होनी चाहिए जिससे टकराव पैदा हो। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि हमारी सरकार ने कहीं भी मस्जिद बनाने पर कोई पाबंदी नहीं लगायी है।
उधर अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि अतिक्रमण करके किसी स्थान पर नमाज अदा नहीं की जा सकती और नमाज पढऩे वालों को भी यह बात पता है। नकवी ने कहा कि कोई ऐसी बात नहीं करनी चाहिए जिससे समाज में बिखराव और टकराव पैदा हो। उन्होंने कहा कि जहां तक नमाज की बात है तो यह तो ईश्वर की उपासना है इसलिए नमाज को लेकर झगड़ा और फसाद करना कतई ठीक नहीं है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को कहा था कि नमाज मस्जिद या ईदगाह में ही अदा की जानी चाहिए, न की सार्वजनिक स्थल पर। वैसे इस विषय पर विवाद बढऩे पर खट्टर ने बाद में कहा कि यदि कोई नमाज पढऩे में बाधा पहुंचाता है तो प्रशासन उसके खिलाफ कार्रवाई करेगा।