बिहार सरकार ने आज कहा कि जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत तीन वर्षों में 24524 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का निर्णय लिया गया है।

विधान परिषद में जन-जीवन-हरियाली योजना को लेकर विशेष चर्चा का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि वर्ष 2019-20 में 5870 करोड़ रुपये, 2020-21 में 9874 करोड़ और वर्ष 2021-22 में 8780 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इन तीन वर्षों में 24524 करोड़ रुपये इस योजना पर खर्च करने का निर्णय लिया गया है।


श्री कुमार ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या, मानवीय गतिविधि एवं प्राकृतिक असंतुलन तथा जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न परिस्थिति की चुनौतियों से निपटने एवं बिहार में पर्यावरण संतुलन का संधारण करने के व्यापक और बहुआयामी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए इस अभियान की शुरुआत की गई है। मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस मिशन के तहत पुराने जल स्रोतों का सर्वेक्षण एवं पहचान कराकर उस पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने के साथ-साथ इन पुराने जल स्रोतों का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है तथा उन्हें उपयोगी बनाया जा रहा है।
श्री कुमार ने कहा कि इसके अलावा भूगर्भ जलस्तर में वृद्धि के लिए सोख्तों एवं गहरे कुएं का निर्माण जैसे कार्य भी किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना को सुचारू रूप से चलाने एवं सफल बनाने के लिए राज्य के कुल 15 विभागों को शामिल किया गया है और उनके लिए दायित्व का भी निर्धारण कर दिया गया है।

मंत्री ने कहा कि विगत वर्षों में जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षापात में कमी एवं भूगर्भ जल का अत्यधिक दोहन करने के कारण भूजल स्तर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह गिरावट किसी खास क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है बल्कि पूरा प्रदेश इससे प्रभावित है। आहर, पोखर, पईन, छोटी नदियां, पुराने कुएं का सुदृढ़ीकरण करने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही चापाकल, कुआं, सरकारी भवन में वर्षा जल संचय के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग कार्य करने का निर्णय लिया गया है।

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427