कुरान जलाने के खिलाफ पाकिस्तान के प्रस्ताव का भारत ने किया समर्थन
कुरान जलाने के खिलाफ पाकिस्तान के प्रस्ताव का भारत ने किया समर्थन। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के प्रस्ताव का भारत के साथ चीन ने भी किया समर्थन।
संयुक्त राष्ट्र ने स्वीडन में कुरान जलाने के खिलाफ प्रस्ताव पास किया। खास बात यह कि प्रस्ताव पाकिस्तान ने प्रस्ताव लाया, जिसका समर्थन भारत ने किया। चीन ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया। कुल 28 देशों ने कुरान जलाने के खिलाफ प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया, जबकि 12 देशों ने विरोध किया। विरोध करने वाले देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, प्रांस, फिनलैंड, बेल्जियम, जर्मनी सहित अन्य देश हैं। प्रस्ताव के पक्ष में 28 देशों का समर्थन होने के कारण अमेरिका, ब्रिटेन का विरोध बेकार गया।
बिजनेस टुडे की खबर के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान के उस प्रस्ताव का समर्थन किया, जिसमें स्वीडन में कुरान जलाने की निंदा की गई है। संयुक्त राष्ट्र की सबसे बड़ी संस्था ह्यूमन राइट्स काउंसिल ने उन उपायों पर सहमति दी और कुरान जलाने की घटना के बाद यूरोप के देशों में धार्मिक नफरत बढ़ने से रोकने को कहा। मध्य पूर्व, अफ्रीका के कई विकासशील देशों ने प्रस्ताव का समर्थन किया। 28 देश प्रस्ताव के समर्थन में थे, जबकि 12 विरोध में। सात देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
यह प्रस्ताव यूरोप के कुछ हिस्सों में कुरान जलाने की घटनाएं सामने आने के बाद आया। संयुक्त राष्ट्र ने सभी देशों से जरूरी कदम उठाने को कहा है। प्रसातव में सभी देशों से कहा गया है कि कुरान जलाने की घटना को रोकें तथा अगर घटना हो, तो कानूनी कार्रवाई करें। धार्मिक नफरत, जिससे भेदभाव, दुराग्रह या हिंसा फैलती है, उस पर रोक लगाएं।
बिजनेस टुडे लिखता है कि संयुक्त राष्ट्र में वोटिंग के बाद पाकिस्तान के राजदूत खलील हाशमी ने कहा कि धार्मिक नफरत रोकने के उपाय अभिव्यक्ति की आजादी को कम नहीं करते, बल्कि इसे जिम्मेदारी और कर्तव्य के साथ विवेकपूर्ण संतुलन बनाते हैं।
उधर बीबीसी ने याद दिलाया है कि पिछले साल पैग़ंबर मोहम्मद पर बीजेपी नेता नूपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी पर इस्लामिक देशों के संगठनों (ओआईसी) की नाराज़गी के बाद पार्टी ने उन्हें निकाल दिया था। नूपुर शर्मा को लेकर केवल ओआईसी ने ही नहीं आपत्ति जताई थी बल्कि इस्लामिक देशों ने अलग-अलग बयान जारी किए थे और ये भारत के लिए असहज स्थिति हो गई थी।
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