स्दभाव और सहिष्णुता पर कुरान के कुछ महत्वपूर्ण कथन
कुरान मुसलमानों को यह हिदायत करता है कि वे पूरी इंसानियत के साथ मधुर व्यवहार करें और अन्य अकीदों को मानने वालों के साथ दयाभाव रखें. ऐसा करना अल्लाह को पसंद है.
कुरान में अल्लाह कहता है- हे मोहम्मद ( स.अ.स) तुम उनके प्रति उदार रहो. अगर तुम उनके प्रति कठोर रहोगे ( अपने कथन से) और व्यवहार से सख्त बनोगे तो उनका नजरिया तुम्हारे प्रति नकारत्मक होगा. इसलिए उन्हें माफ कर दो और उनके प्रति दया दिखाओ.
कुरान की कुछ महत्वपूर्ण आयतें
कठिनाइयों और खुशियों के समय में जो लोग अल्लाह के मार्ग में खर्च करते हैं और अपने क्रोध पर नियंत्रण रखते हैं और जो लोगों को दरगुजर करते हैं. अल्लाह नेक काम करने वालों को पसंद करता है. (3-134)
कुरान पाक और पैगम्बर मोहम्मद के मानवता के प्रति आंखें खोलने वाले कुछ संदेश
अल्लाह की इबादत करो और उसमें किसी को शरीक ना करो. अपने मां-बाप के साथ हुस्न सुलूक करो. अपने रिश्तेदारों, यतीमों, जरूरतमंदो, पड़ोसियों, दूर के पड़ोसियों, मुसाफिरों से मधुर व्यवहार करो. ( 4-36)
तुम्हारे लिए यह कत्तई उचित नहीं कि तुम अहंकार में डूबो. ( 7-13)
प्रतिशोध से बचने की शिक्षा देता है कुरआन
हे प्रिय पैगम्पर दयाभाव को अपनाओ लोगों के प्रित करुणा का भाव रखो और अज्ञानियों से दूर रहो. ( 7-199)
दूसरों का उपहास मत उड़ाओ और एक दूसरे को अपमानित मत करो और न ही किसी को बुरे नाम से पुकारो.
अगर तुम्हारा ऋणी मुश्किलों और कठिनाइयों में हो तो उसे बदलने तक उस पर रहम करो. बल्कि अच्छा तो यह है कि उसे दिये हुए कर्ज को माफ कर देना ज्यादा उचित है.