रात 1 बजे PMCH पहुंचे तेजस्वी, एक ताकतवर लॉबी नाराज
तेजस्वी यादव रात एक बजे PMCH पहुंचे। मरीजों से हाल जाना, जनता खुश, लेकिन एक ताकतवर लॉबी हुई नाराज। बढ़ सकता है दुष्प्रचार, षडयंत्र और व्यवधान।
अपने चुनावी वादे के अनुसार उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव रात एक बजे बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच पहुंचे। उन्होंने मरीजों से बात की, उनका हाल जाना। इलाज में सुविधा-असुविधा के बारे में जानकारी ली। डाक्टरों की उपस्थिति, उनके काम को भी देखा। कई जिम्मेदार लोग काम से गायब पाए गए। उसी समय क्लास लगाई। तेजस्वी यादव के इस कदम से पीएमसीएच के मरीज, अटेंडेंट ही नहीं, इस खबर से जनता में भी खुशी देखी जा रही है। लेकिन एक ताकतवर लॉबी नाराज है। माना जा रहा है कि यह लॉबी उपमुख्यमंत्री के प्रयासों पर पानी फेरने के लिए दुष्प्रचार, षडयंत्र और तरह-तरह के व्यवधान पैदा कर सकती है। पीएमसीएच में कोई ग्रुप हड़ताल कर दे, तो आश्चर्य नहीं।
बिहार के सबसे दूर दराज के सरकारी अस्पताल के भी कर्तव्यविमुख स्वास्थ्यकर्मियों की खबर लेने श्री @yadavtejashwi जी महज़ 4-5 घण्टे में पहुँच सकते हैं! और ऐसी उनकी मंशा भी है!
— Office of Tejashwi Yadav (@TejashwiOffice) September 7, 2022
क्योंकि तेजस्वी जी सरकार नहीं, बिहार बदलने आए हैं!
नागरिकों की अनदेखी वाली संस्कृति पर प्रहार करने आए हैं! pic.twitter.com/bbZAhpK3nU
एनडीए सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भाजपा के मगंल पांडेय थे, लेकिन उन्होंने कभी पीएमसीएच को सुधारने के लिए हाथ नहीं डाला। अगर पीएमसीएच में सुधार हो, तो बिहार की गरीब जनता को बहुत लाभ होगा, लेकिन एक ताकतवर लॉबी को बड़ा नुकसान होगा। अगर डॉक्टर प्यार से बात करें, समय पर डॉक्टर उपलब्ध हों, समय पर इलाज हो, सारे स्टाफ सेवा भाव से काम करें, तो बहुतों का करोड़ों का धंधा बंद हो जाएगा। पाठक जनाते हैं कि ये कौन लोग हैं, जो प्रखंड और जिला अस्पतालों से लेकर पीएमसीएच तक की बदहाली में ही खुशहाल होते हैं। इनकी एक पूरी लॉबी है। ऊपर से नीचे तक ये संगठित गिरोह की तरह काम करते हैं। इनसे पंगा लेना आम आदमी के बस की बात नहीं हैं।
तेजस्वी यादव ने चुनाव में अस्पतालों को ठीक करने का वादा किया था। अपने उसी वादे को पूरा करने की एक तरह से उन्होंने शुरुआत कर दी है। जनता चाहती है कि तेजस्वी यादव जिला अस्पतालों को भी ठीक करें। अगर जिला अस्पताल ठीक हों, तो अनेक लोगों को पटना नहीं आना पड़ेगा।
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