पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने आज दोधारी तलवार चल दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा कि उनसे बिहार नहीं संभल रहा है। उन्हें चाहिए कि वे अपने बेटे निशांत को गद्दी सौंप दें। उनके इस बयान से भाजपा और जदयू में खलबली मच गई।
राबड़ी देवी ने एक लाइन बोल कर ही जदयू और भाजपा को परेशानी में डाल दिया है। भाजपा नहीं चाहती कि निशांत कुमार राजनीति में आएं। वहीं जदयू का वर्तमान नेतृत्व भी भाजपा के साथ ही है। जदयू के बड़े नेता भी निशांत की राजनीति में एंट्री के विरोधी हैं। लेकिन नोट करने वाली बात है कि जदयू का एक खेमा निशांत के पक्ष में है। राबड़ी देवी के इस बयान से जदयू के भीतर खींचतान बढ़ेगी, वहीं जदयू और भाजपा में भी अविश्वास की खाई चौड़ी होगी। राबड़ी ने एक लाइन में यह भी कह दिया कि नीतीश ने बिहार नहीं संभल रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के बयान का एक और एंगल है। उन्होंने कहा कि नीतीश जी से बिहार नहीं संभल रहा है। बेटे निशांत को गद्दी सौंप दें। वे युवा हैं, संभाल लेंगे। उनके इस बयान का निशांत समर्थकों पर असर पड़ना तय माना जा रहा है। उन्होंने निशांत के प्रति अपनी सहानुभूति जता कर जदयू के पुराने समर्थकों को संदेश दे दिया है कि राजद निशांत के खिलाफ नहीं है। इस तरह राबड़ी देवी ने नीतीश के अतिपिछड़े समर्थकों को अपनी तरफ खींचने की कोशिश की है। उन्हें यह भी बताने की कोशिश की है कि निशांत को कौन लोग राजनीति में आने से रोक रहे हैं, उन्हें पहचानिए।
याद रहे इस बार राजद की पूरी कोशिश है कि वह किसी तरह अतिपिछड़ों को अपनी तरफ खींचे। इसीलिए तेजस्वी यादव ने प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी अतिपिछड़े वर्ग से आने वाले मंगनी लाल मंडल को सौंपी है। राजद को पता है कि नीतीश कुमार का यह जनाधार निराश है, अगर वह राजद की तरफ आता है, तो तेजस्वी यादव की राह आसान हो जाएगी।