लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी कल शनिवार को पटना में जय बापू-जय भीम-जय संविधान सभा को संबोधित करेंगे। कांग्रेस ने कार्यक्रम की सफलता के लिए बड़ी तैयारी की है। लेकिन सवाल यह है कि राहुल गांधी के पटना आने से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी नेताओं में बौखलाहट क्यों देखी जा रही है। मुख्यमंत्री के करीबी मंत्री अशोक चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि बिहार में कांग्रेस का कोई भविष्य नहीं है। उसकी किस्मत लालू प्रसाद के साथ बंधी हुई है।
राहुल गांधी कल पटना में जय बापू-जय भीम-जय संविधान सभा को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम को लेकर बिहार भाजपा के किसी नेता ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी नेता क्यों हमले कर रहे हैं। जानकार बताते हैं कि राहुल गांधी के पटना आने से जदयू की बौखलाहट की वजह है उसका दलित आधार।
जदयू नेता मानते रहे हैं कि भाजपा के कारण देश में अल्पसंख्यकों को कोई खतरा नहीं है। डॉ. आंबेडकर के बारे में गृह मंत्री अमित शाह ने कुछ भी गलत नहीं कहा। जदयू के संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान में भी कुछ गलत नहीं दिखा है। राहुल गांधी के पटना आने से ये सभी सवाल जिंदा हो जाएंगे।
————-
बाबुधाम ट्रस्ट ने नरकटियागंज विधानसभा क्षेत्र के गरीबों में किया कंबल वितरण
इसके साथ ही राहुल गांधी ने जिस प्रकार जाति गणना, भ्रष्टाचार और आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा को समाप्त करने के मुद्दे पर दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को घेरा है, उसके बाद यह भी माना जा रहा है कि वे नीतीश कुमार को भी छोड़ेंगे नहीं। ये सवाल उनसे भी पूछेंगे। अब देखना है कि राहुल गांधी किस अंदाज में नीतीश कुमार को घेरते हैं। उसके बाद राजनीति तेज हो जाएगी। जदयू को अपने दलित आधार को लेकर चिंता है। अगर इस आधार का राजनीतिकरण हुआ, तो जदयू की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जदयू की लगातार कोशिश रही है कि बिहार के दलित सड़क, पेयजल पर ही बात करें, संविधान पर खतरे जैसे मुद्दों पर चर्चा न करें। ऐसा होने पर यह आधार जदयू छोड़ कर कांग्रेस के साथ जा सकता है।