लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के भाषण पर बोलते हुए केंद्र की मोदी सरकार को कई मुद्दों पर घेरा। उन्होंने पूछा कि महाराष्ट्र में सिर्फ पांच महीने में ही 70 लाख मतदाता कैसे बढ़ गए। कुछ तो गड़बड़ है। कहा कि हमने चुनाव आयोग से डेटा मांगा कि किस बूथ पर कितने मतादात हटाए गए और कितने जोड़े गए। उन्होंने कहा कि एक ही बिल्डिंग में पांच महीने में सात हजार मतदाता बढ़ गए। जितनी हिमाचल प्रदेश की आबादी है, उतने मतदाता केवल पांच महीने में बढ़ गए।
राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग में पहले प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता तथा चीफ जस्टिस होते थे। क्या कारण है कि चीफ जस्टिस को हटा दिया गया। अब वहां प्रधानमंत्री मोदी होंगे और अमित शाह, तीसरा मैं जाकर क्या करूंगा। कोई जिस्कशन संभव नहीं है। यह लोकतंत्र को कमजोर करना है, संविधान को कमजोर करवना है।
राहुल गांधी ने कहा कि देश के युवाओं को रोजगार तभी मिलेगा, जब प्रोडक्शन पर जोर होगा। हमारा जोर सिर्फ उपभोक्ता बनाने पर है। हम चीन का सामान बेच रहे हैं। स्टार्ट अप इंडिया अच्छी योजना थी लेकिन प्रधानमंत्री की यह योजना फेल हो गई है। कहा कि प्रोडक्शन में देश को आगे करके ही देश प्रगति कर सकता है। अमेरिका का आमंत्रण पाने के लिए विदेश मंत्री गए। प्रोडक्शन केंद्रित व्यवस्था करिए, फिर देखिए कैसे वे खुद प्रधानमंत्री को आमंत्रित करेंगे। इस पर भाजपा सदस्यों ने विरोध किया। फिर राहुल गांधी ने तुरत ही खेद जताया।
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उन्होंने तेलंगाना के बारे में कहा कि हमने वहां जाति गणना। वहां 91 फीसदी लोग दलित, पिछड़े और आदिवासी हैं। देश भर में जाति गणना कराने के बाद ही सच्चाई समाने आएगी। पिछड़े, दलितों को उनका हक मिलना चाहिए।