लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हां, वे आग से खेल रहे हैं। आग से डरते नहीं हैं। आप में से बहुतों की तरह एक दिन मैं भी आग में मिल जाऊंगा। दरअसल उनकी बहन प्रियंका गांधी ने उनसे कहा था कि तुम आग से खेल रहे हो। इसी के जवाब में उन्होंने कहा कि जो सच है, वो बोलते रहेंगे, अंजाम चाहे जो हो।

राहुल गांधी ने कहा कि जीवन में तीन चीजें जरूरी हैं। आपमें साहस होना चाहिए। साहस सच बोलने के लिए होना चाहिए। और जो भी अंजाम हो उसे सहने के लिए तैयार रहें। कहा कि महात्मा गांधी के युवावस्था का बहुत सा समय जेल में बीता। नेहरू लंबे समय तक जेल में रहे। पटेल वर्षों जेल में रहे। इससे क्या हो जाता है। कहा कि कांग्रेस का मतलब ही है साहस के साथ सच के लिए खड़े होना।

उन्होंने अपने भाषण में आरएसएस तथा भाजपा पर भी हमला बोला। कहा कि ये लोग अंग्रेजों से कहते थे कि आप राज करिए। बताइए हम क्या मदद कर सकते हैं। वहीं कांग्रेस आजादी के लिए लड़ती रही।

कांग्रेस के लीगल सेल द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में देशभर के वकील जुटे थे। विभिन्न वक्ताओं ने संविधान, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता पर अपने विचार रखे। सबने लोकतंत्र पर मंडराते खतरे से देश को आगाह किया और संघर्ष करने का संकल्ल जताया।

वकीलों के समागम को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि वे राजा नहींहैं और न ही राजा बनना चाहते हैं। मैं राजा के विचार के खिलाफ हूं। राजतंत्र के खिलाफ हूं। लोकतंत्र के पक्ष में हूं। संविधान के पक्ष में हूं, जिसे हमारे पुरखों ने तैयार किया। सोशल मीडिया में राहुल गांधी के आग से खेलने वाले बयान की चर्चा हो रही है।

 

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