विपक्ष के नेता राहुल गांधी अमेरिका में हैं। प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए उन्होंने आरएसएस तथा भाजपा के खिलाफ अपना प्लान बता दिया। उनका परिचय देते हुए आयोजक ने बताया था कि विपक्ष के नेता की क्या भूमिका होती है। सरकार का संसद में विरोध करना। सरकार की नीतियों पर सवाल उठाना तथा जनता की आवाज को संसद में सामने लाना। इसके बाद जब राहुल गांधी बोलने आए, तो उन्होंने अपनी भूमिका को बिल्कुल नए तरह से परिभाषित किया।
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार के गलत फैसलों का विरोध करना जिम्मेदारी है, पर मेरी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि भारत की राजनीति से मोहब्बत, विनम्रता और दूसरे का रिस्पेक्ट खत्म हो गया है। कहा कि वे भारत के लोगों के रगों में मोहब्बत का रस डाल रहे हैं। पांच साल बाद जब विपक्ष के नेता के बतौर मैं अपना मूल्यांकन करूंगा, तो यही देखूंगा कि भारत की राजनीति से नफरत कितनी दूर हुई, मोहब्बत कितनी बढ़ी।
आरएसएस तथा भाजपा मोहब्बत, विनम्रता तथा आदर के खिलाफ है। वह दूसरे धर्मों, दूसरे विचारों तथा दूसरी संस्कृति का सम्मान नहीं करती है। उसकी पूरी राजनीति नफरत पर टिकी है। कहा कि 4 जून के बाद भारत में मोदी और भाजपा से डर समाप्त हो गया है। इससे पहले छात्रों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में हुनर की कमी नहीं है। प्रतिभा की कमी नहीं है। लेकिन भारत में हुनर का सम्मान नहीं है। भारत को उत्पादक देश बनाना है, तो अर्थव्यवस्था पर एकधाकिर खत्म करना होगा। हुनर को मौका देना होगा।
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उन्होंने प्रवासी भारतीयों से कहा कि आप जब अमेरिका में आए, तो उद्दंड बन कर नहीं आए, बल्कि विनम्र बन कर आए। यह विनम्रता और एक दूसरे का रिस्पेक्ट भारत की संस्कृति है। आप सब भारत के उस माहन परंपरा के दूत हैं। उन्होंने 15 मिनट के अपने भाषण में आरएसएस-भाजपा की विचार धारा पर हमला किया।
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