राहुल, सोरेन, ममता के दबाव से झुके मोदी, अब राज्यों को फ्री वैक्सीन
आज पीएम ने राज्यों को मुफ्त वैक्सीन देने की घोषणा की। इससे पहले राहुल, हेमंत सोरेन, ममता फ्री वैक्सीन की मांग कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट सवाल उठा चुका था।
आज शाम पांच बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए गैरभाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की फ्री वैक्सीन देने की मांग स्वीकार कर ली। सुप्रीम कोर्ट भी मोदी सरकार की वैक्सीन नीति पर सवाल उठा चुका था। कोर्ट में सुनवाई फिर होनी है। इस बीच आज प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार अब सभी राज्यों को मुफ्त वैक्सीन मुहैया कराएगी।
मालूम हो कि कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित सभी गैर भाजपा सासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने राज्यों को फ्री वैक्सीन देने की मांग की थी। हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था। राहुल गांधी लगातार सबको फ्री वैक्सीन देने की मांग कर रहे थे।
यहां तक की सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार से एक देश में वैक्सीन की तीन कीमत का औचित्य पूछा था। कोर्ट ने यहां तक कहा कि टीके की तीन कीमत अतार्किक और गलत है। इस तरह प्रधानमंत्री मोदी एक तरफ विपक्ष के सवाल से घिरे थे, वहीं सुप्रीम कोर्ट को भी जवाब नहीं दे पा रहे थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैक्सीन का 25 प्रतिशत हिस्सा प्राइवेट सेक्टर को दिया जाएगा और वे वैक्सीन की कीमत के अलावा 150 रुपए सर्विस चार्ज ले सकेंगे।
प्रधानमंत्री ने राज्यों को फ्री वैक्सीन की घोषणा से पहले कहा कि उन्होंने राज्यों के कहने पर ही उन्हें टीका खरीदने की स्वतंत्रता दी थी। अब उन्हें परेशानी हो रही है। अब कहा जा रहा है कि केंद्र ही टीका दे। इस पर देर तक बोले पीएम। उन्होंने यह समझाने की कोशिश की कि केंद्र की कोई गलती नहीं है। राज्यों की ही गलती है। अब केंद्र उनकी परेशानी दूर कर रहा है।
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प्रधानमंत्री की घोषणा के साथ ही सोशल मीडिया पर यह खबर ट्रेंड करने लगी। इसके लिए प्रधानमंत्री को श्रेय दिया जा रहा है। वहीं, अनेक लोग सुप्रीम कोर्ट और विपक्ष के लगातार सवाल को भी याद दिला रहे हैं। सवाल यह भी उठ रहा था कि जब बजट में 35 हजार करोड़ रुपए वैक्सीन के लिए ही रखे गए, तो सरकार उसका उपयोग क्यों नहीं कर रही?
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