लोकसभा में विपक्ष के नेता महज 18 दिनों के बाद आज फिर पटना पहुंचे। स्वतंत्रता सेनानी जगलाल चौधरी की जयंती में शामिल हुए। इस अवसर पर पटना का श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल खचाखच भरा है। जयंती समारोह में शामिल लोगों में 90 प्रतिशत पासी जाति के लोग थे।
स्वतंत्रता सेनानी जगलाल चौधरी का जयंती समारोह बड़े पैमाने पर पहली बार मनाया गया, जिसमें राष्ट्रीय स्तर के नेता राहुल गांधी शामिल हुए। जगलाल चौधरी खुद भी पासी जाति के थे। बिहार-बंगाल और ओड़िशा की संयुक्त परीक्षा पास करके वे कलकत्ता मेडिकल कॉलेज पहुंचे। याद रहे तब आरक्षण नहीं था। मेडिकल की पढ़ाई के अंतिम वर्ष 1921 में उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी औऔर स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े। उनके पुत्र को अंग्रेज पुलिस ने गोली मार दी थी। पासी जाति के वे अब तक के सबसे बड़े नेता हुए हैं।
बिहार में पासी जाति दशकों से नीतीश कुमार के साथ रही है। अब पहली बार वह स्पष्ट रूप से कांग्रेस और खासकर राहुल गांधी की तरफ झुकती नजर आई। आज के समारोह में उनकी भारी उपस्थिति नीतीश कुमार के लिए झटका है।
नौकरशाही डॉट कॉम ने सभा स्थल पर अनेक लोगों से बात की। लोगों ने कहा कि मोदी सरकार आरक्षण को धीरे-धीरे समाप्त कर रही है। संविधान को पीठे से कमजोर कर रही है। आरक्षण और संविधान बचाने की लड़ाई आज केवल राहुल गांधी ही लड़ रहे हैं। लोगों ने कहा कि बिहार में जाति गणना हुई, लेकिन उसके परिणामों के अवुसार सरकार कदम नहीं उठा रही है। दलितों के लिए कोई विशेष योजना नहीं बन रही है। नीतीश कुमार केवल फ्लाई ओवर बनाने में व्यस्त हैं।
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जयंती समारोह में न सिर्फ हॉल में बल्कि मंच पर भी केवल दलित अतिपिछड़े नेता दिख रहे थे। राहुल गांधी ने कहा कि केवल एमएलए-एमपी बनने से कुछ नहीं होगा। विधायक तो बन जाते हैं, पर उनके हाथ में पावर नहीं होता। सिर्फ सत्ता में हिस्सेदारी नहीं, बल्कि देश के धन मे और पावर में हिस्सेदारी चाहिए। राहुल ने कहा कि वे ऐसा दिन देखना चाहते हैं, जब देश के दलित हर संश्था के नेतृत्व में होंगे।