बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने होली से पहले कल रात्रि भोज दिया। इसमें राज्य के सभी बड़े और प्रमुख नेता पहुंचे, लेकिन नीतीश कुमार नहीं पहुंचे। इसे सवाल बनाने के बजाय मीडिया ने इस खबर को ही गायब कर दिया।
राज्यपाल के भोज में मुख्यमंत्री को निमंत्रण हो, ऐसा संभव नहीं है। तो फिर नीतीश कुमार आखिर क्यों नहीं गए, क्या पलटी मारेंगे, क्या वे भाजपा से नाराज हैं या उनकी तबीयत ठीक नहीं है और अधिकारियों ने उन्हें जाने से रोका, ठीक-ठीक कहा नहीं जा सकता।
नौकरशाही डॉट कॉम ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू का सोशल मीडिया एक्स देखा, वहां मुख्यमंत्री के राजभवन जाने के बारे में कोई फोटो नहीं है, कोई जानकारी नहीं है।
भोज में राज्यपाल के बगल में दोनों उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी तथा विजय सिन्हा दिखाई पड़ रहे हैं। विधानसभा के अध्यक्ष नंद किशोर यादव तथा विधान परिषद के सभापति भी दिख रहे हैं। विपक्ष के नेता नेता तेजस्वी यादव भी मौजूद थे। गवर्नर के साथ ये सारे एक ही टेबल के सामने बैठे हैं। एक सातवीं कुर्सी खाली दिख रही है।
तेजस्वी यादव और सम्राट चौधरी ने इस अवसर के कई फोटो शेयर किए हैं, लेकिन किसी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिखाई नहीं पड़ रहे हैं। हालांकि मुख्यमंत्री कल विधानमंडल में थे। उन्होंने मेट्रो के निर्माण का मुआयना भी किया था, लेकिन राज्यपाल के भोज में वे शामिल नहीं हुए।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भोज में शामिल नहीं होने को लेकर जदयू के किसी नेता ने स्पष्ट कुछ नहीं कहा। उनके फिर से पलटी मारने की संभावना नहीं है। यही माना जा रहा है कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है और वाणी पर नियंत्रण नहीं रहा। विधान परिषद में वे पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी पर निजी आरोप लगाते दिखे। तो क्या किसी ने मुख्यमंत्री को भोज में जाने से रोका या मना किया, इनसब बातों पर अटकलों का बाजार गर्म है।