सूर्योपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ आज से शुरू हो गया। इससे जुड़े अनुष्ठान भी शुरू हो गये हैं। इसके साथ राजधानी पटना से लेकर गांव की गलियों तक छठ गीत की धूम मची है। छठ को लेकर राजधानी पटना में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद छठ घाटों का निरीक्षण किया और बेहतर सुविधाएं देने का निर्देश दिया। छठ के पहले दिन व्रती नर-नारियों ने अंतःकरण की शुद्धि के लिए नहाय-खाय के संकल्प के तहत नदियों-तालाबों के निर्मल एवं स्वच्छ जल में स्नान करने के बाद अरवा भोजन ग्रहण कर इस व्रत को शुरू किया। महापर्व छठ के दूसरे दिन महिला एवं पुरुष व्रती कल एक बार फिर नदियों, तालाबों में स्नान करने के बाद अपना उपवास शुरू करेंगे। दिनभर के निर्जला उपवास के बाद व्रती सूर्यास्त होने पर भगवान सूर्य की पूजा कर एक बार ही दूध और गुड़ से बनी खीर खायेंगे। इसके बाद जब तक चांद नजर आयेगा तभी तक वह जल ग्रहण कर सकेंगे और उसके बाद से उनका करीब 36 घंटे का निराहार-निर्जला व्रत शुरू हो जायेगा।
इस महापर्व के तीसरे दिन व्रतधारी अस्ताचलगामी सूर्य को नदियों और तालाबों में खड़े होकर प्रथम अर्घ्य अर्पित करेंगे। व्रतधारी अस्त हो रहे सूर्य को फल और कंद मूल से अर्घ्य अर्पित करते हैं। पर्व के चौथे और अंतिम दिन नदियों और तालाबों में उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्घ्य दिया जायेगा। दूसरा अर्घ्य अर्पित करने के बाद ही श्रद्धालुओं का करीब 36 घंटे का निराहार व्रत समाप्त होता है और वे अन्न-जल ग्रहण करते हैं।
पटना में छठ व्रतियों के लिये गंगा घाटों को साफ सुथरा और सजाने के काम में विभिन्न इलाकों की छठ पूजा समितियां और स्वयं सेवक लगातार लगे हुए हैं। साथ ही गंगा नदी की ओर जाने वाले मार्गों पर तोरण द्वारा बनाये जा रहे हैं और पूरे मार्ग को रंगीन बल्बों से सजाया जा रहा है। लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर राजधानी पटना समेत पूरे बिहार के हर घर में छठ के गीत गूंजने लगे हैं।