मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पर्यटन, धार्मिक और ऐतिहासिक के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण राजगीर को विकसित करने की प्रतिबद्धता दुहराते हुए आज कहा कि राजगीर के महत्व को समझते हुए उनसे जो संभव होगा वह करते रहेंगे।
श्री कुमार ने ‘राजगीर महोत्सव 2019’ का उद्घाटन करने के बाद कहा,राजगीर के महत्व को समझते हुए हम से जो भी संभव है उसके लिए काम करते रहेंगे। राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में कई काम किए गए हैं। राजगीर को देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए और विकसित करने के लिए कई काम किए जा रहे हैं। राजगीर में घोड़ाकटोरा को ईको टूरिज्म के रूप में विकसित किया गया है। भगवान बुद्ध की बड़ी प्रतिमा लगायी गई है। यहां की पंच पहाड़ी 2 से 10 करोड़ वर्ष पुरानी है। राजगीर में 50 वर्ष पहले विश्व शांति स्तूप की स्थापना की गई। यहां देश का पहला रोप-वे बनाया गया और उसके समानान्तर अब नया रोप-वे भी बनकर लगभग तैयार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर का पांडू पोखर दर्शनीय है, जरासंध के अखाड़े का सौंदर्यीकरण भी किया जा रहा है। यह राजगीर जरासंध की, बिम्बिसार और अजातशत्रु की राजधानी रही है। यहां पर 480 एकड़ क्षेत्र में जू सफारी बनाया जा रहा है, जिसमें हिरण, भालू, बाघ, तेंदुआ और शेर जैसे जीव रखे जाएंगे। इसके अगस्त 2020 तक पूर्ण हो जाने की संभावना है। इसकी खासियत होगी कि इसमें जीव बाहर रहेंगे और बंद गाड़ी में लोग भ्रमण कर इसका आनंद उठा सकेंगे। ग्रीन सफारी भी दर्शनीय होगा। उन्होंने कहा कि राजगीर में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और स्पोर्ट्स एकेडमी का निर्माण किया जा रहा है।
श्री कुमार ने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है। वहां पर कनफ्लिक्ट रिजाॅल्यूशन सेंटर का निर्माण कराया जा रहा है ताकि दुनिया में कहीं भी कोई विवाद हो तो यहां आकर उसका समाधान हो सके। नालंदा विश्वविद्यालय के पास ही सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सिटी का निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजगीर के बगल से एक बाईपास सड़क बनायी जा रही है। राजगीर रेलवे लाइन के ऊपर एक रेल ओवरब्रिज (आरओबी) का निर्माण भी कराया जा रहा है। नूरसराय से सिलाव तक के लिए सड़क बनायी जा रही है ताकि पटना से सीधे लोग आ सकें, उन्हें बिहारशरीफ जाने की जरुरत न पड़े। पटना-बख्तियारपुर फोरलेन के आठ किलोमीटर पहले से ही राजगीर के लिए एक सड़क विकसित की जा रही है।