राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान ने उच्च शिक्षा के गुणवत्ता विकास में प्रदेश के विश्वविद्यालयों को राजभवन की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा देते हुए आज कहा कि नियमित अकादमिक सत्रों का संचालन करना विश्वविद्यालयों की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
श्री चौहान की अध्यक्षता में यहां राज्य के आठ विश्वविद्यालयों मगध विश्वविद्यालय (बोधगया), पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय (पटना), बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय (मधेपुरा), पूर्णिया विश्वविद्यालय (पूर्णिया), तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (भागलपुर), वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय (आरा), जयप्रकाश विश्वविद्यालय (छपरा) तथा बी. आर. ए. बिहार विश्वविद्यालय (मुजफ्फरपुर) के कुलपतियों की समीक्षा बैठक में इन विश्वविद्यालयों में पूर्व लंबित परीक्षाओं को यथाशीघ्र आयोजित कराते हुए विलम्बित अकादमिक सत्रों को शीघ्र पूरा करने एवं नये सत्रों को ससमय नियमित रूप से संचालित करने पर व्यापक रूप से विचार किया गया।
कुलाधिपति ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में नियमित रूप से अकादमिक सत्रों का संचालन करना विश्वविद्यालयों की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। अकादमिक कैलेंडर के अनुरूप समय पर नामांकन, वर्ग-संचालन, परीक्षा का आयोजन, परीक्षाफल का प्रकाशन तथा डिग्री वितरण यदि विश्वविद्यालय सुनिश्चित कर देते हैं तो राज्य में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता स्वतः विकसित हो जायेगी। उन्होंने कहा कि शोधपरक शिक्षा एवं रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों का कार्यान्वयन विश्वविद्यालयों का प्रमुख दायित्व होना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि स्वच्छ एवं कदाचारमुक्त परीक्षा का आयोजन एवं ससमय परीक्षाफल प्रकाशित होने से राज्य के युवाओं का भविष्य स्वर्णिम होगा तथा बिहार की प्राचीन शैक्षिक गरिमा भी पुनस्र्थापित हो सकेगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर की सभी पूर्वलंबित परीक्षाएं निर्धारित समय पर संचालित की जानी चाहिए ताकि हर हाल में आगामी शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने के पूर्व जून, 2020 तक सभी निकायों के सत्र ‘अप-टू-डेट’ हो जाएं।
कुलाधिपति ने कहा कि जहां दो शैक्षणिक-सत्र एक साथ चलाने की नौबत आती है वहां समानान्तर सत्र के लिए आधारभूत संरचना विकसित की जाये तथा दो ‘समय सारणियों’ के आधार पर कक्षा में अध्यापन के कार्य संचालित किए जायें। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक गुणवत्ता से समझौता किए बिना समानान्तर सत्रों का संचालन कर लंबित परीक्षाएं यथाशीघ्र ली जायें ताकि सत्र नियमित कर पाना संभव हो सके। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के गुणवत्ता विकास में विश्वविद्यालयों को राजभवन का हरसंभव सहयोग मिलेगा, दूसरी ओर विश्वविद्यालयों को भी राजभवन के निदेशों का तत्परतापूर्वक परिपालन सुनिश्चित करना होगा।