बजट सत्र अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मोदी सरकार के तीन तलाक बिल को मुस्लिम महिलाओं के हित में बताया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने तीन तलाक के संबंध में एक विधेयक संसद में प्रस्तुत किया है. मैं आशा करता हूं कि संसद शीघ्र ही इसे कानूनी रूप देगी. तीन तलाक पर कानून बनने के बाद मुस्लिम बहन-बेटियां भी आत्मसम्मान के साथ भयमुक्त जीवन जी सकेंगी. बता दें कि यह बिल पिछले दिनों समाप्त हुए संसद के शीतकालीन सत्र में पारित नहीं हो पाया था.
नौकरशाही डेस्क
वहीं, महामहिम कोविंद ने कहा कि कि बेटियों के साथ भेदभाव खत्म करने के लिए मेरी सरकार ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना शुरू की थी. इस योजना के सकारात्मक परिणाम को देखते हुए अब इसका दायरा 161 जिलों से बढ़ाकर 640 जिलों तक कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने मातृत्व लाभ अधिनियम में बदलाव करके एक बड़ा कदम उठाया है. महिलाओं को 12 सप्ताह के स्थान पर वेतन सहित, 26 सप्ताह की छुट्टी देने का प्रावधान किया गया है. अब कामकाजी महिलाओं को अपने नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए अधिक समय मिला करेगा.
कोविंद ने कहा कि मेरी सरकार ने गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए, विशेषकर स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए, बिना बैंक गारंटी कर्ज देने पर जोर दिया है. अब लोग अपना उद्यम चलाने के सपने को साकार करने के लिए आसानी से कर्ज ले पा रहे हैं. ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ के तहत अब तक लगभग 10 करोड़ ऋण स्वीकृत किए गए हैं और 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज दिया गया है. लगभग 3 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्होंने पहली बार इस योजना का लाभ उठाया है और स्वरोजगार शुरू करने में सफल हुए हैं.