रामबिलास पासवान और रघुवंश बाबू की प्रतिमा लगे : तेजस्वी
रामबिलास पासवान की बरसी 12 सितंबर को और 13 सितंबर को रघुवंश प्रसाद सिंह की पुण्यतिथि है। आज तेजस्वी ने दोनों बड़े नेताओं की प्रतिमा स्थापित करने की मांग की।
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आज बिहार सरकार से बिहार के दो बड़े नेताओं रामबिलास पासवान और रघुवंश प्रसाद सिंह की प्रतिमा लगाने की मांग की। कल ही चिराग पासवान ने तेजस्वी यादव से मिलकर उन्हें अपने पिता की पहली बरसी के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। बरसी 12 सितंबर को है। पिछले साल 13 सितंबर को बड़े समाजवादी नेता रघुवंश प्रसाद का निधन हुआ था। इस तरह एक दिन के अंतराल पर बिहार अपने दो बड़े नेताओं को याद करेगा।
तेजस्वी यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश सरकार से रघुवंश बाबू की अंतिम इच्छा पूरी करने की भी मांग की, जो उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे अपने अंतिम पत्र में की थी।
मालूम हो कि निधन से ठीक पहले रघुवंश बाबू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने मुख्यतः तीन मांगें नीतीश के समक्ष रखी थीं। गणतंत्र की भूमि वैशाली में झंडोत्तोलन करने, काबुल से महात्मा बुद्ध का भिक्षापात्र मंगवाने और तीसरा किसानों को जमीन पर काम करने को मनरेगा में शामिल करना। अबतक उनकी अंतिम इच्छा को राज्य सरकार ने पूरा नहीं किया है। तेजस्वी ने दोनों नेताओं की जयंती राजकीय समारोह के बतौर करने की भी मांग की है।
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तेजस्वी यादव ने आज गोपालगंज के बैकुंठपुर में पूर्व विधायक स्वर्गीय देवदत्त प्रसाद जी की 10वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित किया। डबल इंजन सह ट्रबल इंजन सरकार में युवा, छात्र, किसान, गरीब, शिक्षक, व्यापारी सभी त्रस्त है। महंगाई, बेरोजगारी, अफसरशाही और भ्रष्टाचार चरम पर है। बिहार का किसान सरकारी बेपरवाही, भ्रष्टाचार, निम्नतम आय, खाद यूरिया की कमी-कालाबाज़ारी और बाढ़-सुखाड़ में सरकारी अनदेखी की चौतरफा मार सह रहा है! जातिगत जनगणना के मुद्दे पर गेंद अभी केंद्र सरकार के पाले में है, केंद्र के निर्णय की प्रतीक्षा है!
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